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'मैं क्वरंटाइन में हूं', निजामुद्दीन मरकज के फरार मौलाना साद का नया ऑडियो क्लिप  

Updated Apr 02, 2020 | 12:01 IST

Maulana Saad: मौलाना ने शुरुआत में लॉकडाउन के फैसले पर सवाल उठाए थे और अपनी जमात को अपने कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ने की बात कही थी लेकिन अब उनके रुख में बदलाव देखा जा रहा है।

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एफआईआर दर्ज होने के बाद से फरार हैं मौलाना।
मुख्य बातें
  • एफआईआर दर्ज होने के बाद से फरार हैं निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद
  • खुद को क्वरंटाइन में रखने का दावा किया, दिल्ली पुलिस मौलाना का ढूंढ रही है
  • मरकज में हजारों की संख्या में मौजूद लोगों को दिल्ली पुलिस ने बाहर निकाला

नई दिल्ली : निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद का एक नया ऑडियो क्लिप सामने आया है। इस ऑडियो क्लिप में उन्होंने खुद को क्वरंटाइन में रखने का दावा किया है। मौलाना साद ने अपनी जमात के सदस्यों को प्रशासन के निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया है। बता दें कि पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में मौलाना प्रमुख आरोपी हैं और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से वह फरार हैं। पुलिस ने बुधवार को जाकिर नगर एवं निजामुद्दीन स्थित उनके आवासों की तलाशी ली लेकिन वह इन जगहों पर नहीं मिले। अंडरग्राउंड होने के बाद मौलाना साद का यह दूसरा ऑडियो क्लिप है।  बताया जा रहा है कि मौलाना के एक वकील बुधवार को दिल्ली पुलिस के पास पहुंचे थे।

मौलाना ने कहा डॉक्टरों की सलाह पर किया क्वरंटाइन
टाइम्स नाउ को मिले इस ऑडियो वीडियो में मौलाना ने कहा, 'हुकूमत और प्रशासन का साथ देना और मदद करना जरूरी है। डॉक्टरों की हिदायत के बाद मैंने खुद को क्वरांटाइन किया हुआ है। देश में जहां-जहां भी हमारे जमाते हैं, मेरा उनसे अनुरोध है कि वे हुकूमत के निर्देश का पालन जरूर करें।' मौलाना के इस बयान से जाहिर है कि वह जांच में अभी पुलिस का सहयोग करने नहीं जा रहे हैं। मौलाना ने शुरुआत में लॉकडाउन के फैसले पर सवाल उठाए थे और अपनी जमात को अपने कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ने की बात कही थी लेकिन अब उनके रुख में बदलाव देखा जा रहा है। अब वह प्रशासन के निर्देशों को मानने की बात कह रहे हैं।

मस्जिद खाली करने में हीला हवाली करता रहा मरकज
अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि प्रशासन की तरफ से कई बार मस्जिद खाली करने की बात कही गई लेकिन मरकज इस काम में हीला हवाली करता रहा। मरकज का दावा है कि लॉकडाउन घोषित होने के बाद उसने लोगों को बाहर भेजने के लिए प्रशासन से वाहनों का बंदोबस्त करने का अनुरोध किया लेकिन शुरू में उसकी तरफ से वह तत्परता एवं गंभीरता नहीं दिखाई दी जिसकी दरकार थी। मस्जिद से करीब 2000 लोगों को निकालने में दिल्ली पुलिस को 72 घंटे से ज्यादा का समय लगा। मरकज में 10 से 15 दिनों तक हजारों लोग रहे। समझा जाता है कि कोरोना वायरस से संक्रमण में आए लोगों ने दिल्ली में यात्राएं कीं। दिल्ली पुलिस ऐसे लोगों की पहचान कर रही है।

पुलिस प्रत्येक व्यक्ति की पहचान करने में जुटी
मरकज के धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत करने वालों एवं यहां ठहरने वाले प्रत्येक व्यक्ति की पुलिस पहचान कर रही है। मरकज में दिल्ली से बाहर के 1569 लोग ठहरे हुए थे। पुलिस अब इनके फोन नंबर्स और इन लोगों ने जिनसे मुलाकात की उसकी सूची तैयार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस प्रत्येक व्यक्ति की प्रोफाइल तैयार करने के साथ ही उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाल रही है। यह बात भी सामने आई है कि कोविड-19 से संक्रमित अंडमान का एक व्यक्ति तबलीग की उस जमात में शामिल था जो शाहीन बाग गया था।

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