- महबूबा ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी गुपकर अलायंस में शामिल दलों को 'राष्ट्र विरोधी' की तरह पेश कर रही है
- जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम का यह ट्वीट गुपकार अलायंस पर गृह मंत्री अमित शाह के तीखे वार के बाद आया
- गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और 'गुपकर गैंग' जम्मू कश्मीर को आतंक व अस्थिरता के दौर में ले जाना चाहते हैं
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुपकार अलायंस पर तीखा हमला करते हुए इसे 'अपवित्र गठबंधन' करार दिया और कहा कि यह गठजोड़ जम्मू-कश्मीर को आतंक एवं घोटाले के युग में ले जाना चाहता है। इसे 'गुपकार गैंग' करार देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अगर देश की भावनाओं को समझकर काम नहीं करेगा तो लोग उसे डुबो देंगे। उनके निशाने पर कांग्रेस भी रही। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और 'गुपकर गैंग' जम्मू कश्मीर को आतंक व अस्थिरता के दौर में ले जाना चाहते हैं। बीजेपी नेता की टिप्पणी पर अब महबूबा मुफ्ती ने पलटवार किया है।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा कि बीजेपी गुपकर अलायंस में शामिल दलों को 'राष्ट्र विरोधी' की तरह पेश कर रही है। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि बीजेपी खुद तो 'सत्ता की भूख में' किसी से भी गठबंधन कर लेती है, लेकिन अगर कोई अन्य गठबंधन बनाता है तो उसे इस तरह पेश किया जाता है, जैसे वह राष्ट्रहित को चुनौती दे रहा हो। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी खुद हर दिन संविधान की धज्जियां उड़ाती है।
महबूबा ने किए कई ट्वीट
महबूबा मुफ्ती ने के ट्वीट कर कहा, 'पुरानी आदतें मुश्किल से जाती हैं। पहले बीजेपी ने यह नैरेटिव दिया कि टुकडे़ टुकडे़ गैंग से की संप्रभुता को खतरा है और अब वे हमें राष्ट्र विरोधी के रूप में पेश करने के लिए गुप्कर गैंग शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। बीजेपी खुद दिन-रात संविधान का माखौल बनाती है।'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'खुद को रक्षक और अपने राजनीतिक विरोधियों को आंतरिक और काल्पनिक शत्रुओं के रूप में पेश कर भारत को विभाजित करने की बीजेपी की रणनीति अब बासी हो गई है। बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई की जगह लव जिहाद, टुकड़े टुकड़े और अब गुपकार गैंग पर राजनीतिक चर्चा होती है।'
यहां उल्लेखनीय है कि गुपकार अलायंस के नेता लगातार देश विरोधी बयान दे रहे हैं। 11 अक्टूबर को जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने जहां चीन की मदद से जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की फिर से बहाली की बात कही थी, वहीं 23 अक्टूबर को महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि वह कश्मीर के झंडे के बगैर तिरंगा नहीं उठाएंगी। गुपकर अलायंस के नेताओं के इन बयानों को राष्ट्र को चुनौती की तरह देखा जा रहा है।