- शादी समारोह में शामिल होने को लेकर एमएचए ने दिया अपनी स्पष्टीकरण
- एमएचए ने कहा कि राज्य तय करें कि शादी समारोह में कितने लोग आएंगे
- पंजाब में नियमों को और सख्त किया गया है, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
चंढीगढ़ : केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा है कि शादी समारोहों में कितने मेहमान शामिल होने चाहिए इस संख्या के बारे में निर्णय पंजाब, हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ को करना है। सरकारें इस बारे में स्थिति का आकलन करने के बाद समारोहों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या के बारे में अपना दिशा-निर्देश जारी कर सकती हैं। इससे पहले 24 जान को हाई कोर्ट की एक पीठ ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि शादी से जुड़े समारोहों में लोगों के शामिल होने की संख्या पर निर्णय राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश करें। कोर्ट के समक्ष शादी समारोहों के लिए लोगों की संख्या 50 से घटाकर 25 करने के अपील की गई थी।
हाई कोर्ट में दायर है अर्जी
इन निर्देशों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार के डिप्टी सेक्रेटरी (आपदा प्रबंधन विभाग) ने अपने 13 जुलाई के पत्र में कहा, 'शादी समारोह में शामिल होने के लिए कितने लोगों को अनुमति देनी है इस बारे में स्थिति का आकलन करने के बाद राज्य मेहमानों की संख्या तय कर सकते हैं।' शादी समारोह में शामिल होने वाले लोगों की संख्या निर्धारित किए जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में एक अर्जी दायर की गई। यह अर्जी वकील एच सी अरोड़ा की ओर से दायर की गई। अरोड़ा के मुताबिक एमएचए की गाइडलाइन में शादी के लिए मेहमानों की संख्या 50 निर्धारित की गई है।
पंजाब में अनलॉक नियम हुए सख्त
पंजाब में कोरोना वायरस से संक्रमण पर रोक लगाने के लिए कैप्टन अमरिंदर सरकार ने अनलॉक नियमों को और कड़ा कर दिया है। राज्य सरकार ने सोमवार को शादी, सामाजिक एवं सार्वजनिक समारोहों के लिए अत्यधिक लोगों के जुटने पर सख्ती की। सरकार ने शादी समारोह के लिए 50 लोगों की संख्या घटाकर 30 कर दी है। राज्य सरकार ने दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
समारोहों की निगरानी संयुक्त टीम करेगी
राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि सामाजिक समारोहों की निगरानी संयुक्त रूप से पुलिस एवं प्रशासन की टीमें करेंगी। ये टीमें सख्ती से दिशानिर्देशों का पालन कराएंगी। नियमों का उल्लंघन होने पर मैरिज हॉल, होटल और कॉमर्शियल स्थलों के प्रबंधक जिम्मेदार ठहराए जाएंगे और दोषी पाए जाने पर उनका लाइसेंस रद्द होगा।