- देश में लॉकडाउन के बाद मजदूर डरे- सहमे हैं
- बंदी के चलते जनजीवन पूरी ठप हो गया है
- कई राज्यों में मजदूर पैदल ही घर तक जाने की कोशिश कर रहे हैं
नई दिल्ली: कोरोना वायरस बढ़ते प्रकोप के कारण देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन कर दिया गया है। ट्रेन और बस सेवा बंद होने के बाद मजदूरों को अपने पैतृक घरों तक जाने के लिए बेहद दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। बंदी के बाद फंसे मजदूर यातायात के अभाव में पैदल ही घर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। कई राज्यों में तो मजदूर कई सौल किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर रहे हैं। रास्ते में मजदूरों को भूख-प्यास से दो-चार होना पड़ा रहा है। कोई दिल्ली से अलीगढ़ जा रहा है तो को कोई किसी अन्य राज्य से बिहार या झारखंड़ लौट रहा है।
एक 16 वर्षीय बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। यह लड़का दिल्ली से यूपी के बदायूं पैदल जा रहा है। दिल्ली से बदायूं की तकरबीन दूरी 285 किलोमीटर है। इसके साथ अन्य लोग भी जो हैं बिना-खाने पीने के अलीगढ़ के लिए निकल पड़े हैं। वहीं, एक 10 वर्षीय बच्चे का भी वीडियो वायरल हो रहा है जो गाजियाबाद से मथूर के लिए निकल पड़ा है। वीडियो में कंधे पर बैग उठाए यह लड़क पैदल ही घर जा रहा है। इसके अलावा गुजरात और मध्यप्रदेश से भी ऐसी ही तस्वीरें और वीडिया सामने आ रहे हैं।
घर लौटते मजदूरों की तस्वीरें...
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज
गौरतलब है कि कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में देश के गरीबों की मदद के लिए सरकार ने 1.70 लाख करोड़ रुपये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का एलान किया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि इस राहत पैकेज का मकसद यह है कि कोरोना वायरस के प्रकोप से उत्पन्न संकट की घड़ी में देश में कोई गरीब भूखा न रहे और उनके हाथ में पैसे हों ताकि उन्हें अपनी जरुरियात की वस्तुएं खरीदने में कठिनाई न हो।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत किसानों के लिए भी प्रावधान है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को वर्ष 2020-21 के लिए योजना की पहली किस्त की राशि 2,000 अप्रैल में ही उनके खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी। इस योजना के तहत अगले तीन महीने तक उज्जवला योजना के लाभार्थी आठ करोड़ गरीब परिवारों को अगले तीन महीने तक रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त में दिया जाएगा।