- यूपी वापस आए प्रवासी मजदूरों को रोजगार के साथ सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराएगी योगी सरकार
- प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही माइग्रेंट कमीशन का गठन करने जा रही है
- श्रमिकों व कामगारों की पहले स्किल मैपिंग की जाएगी
उत्तर प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को काम दिलाने के लिए और उनके कल्याण के लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार सक्रिय हो गई है। ने माइग्रेशन कमीशन सेटअप करने की योजना बनाई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों और कामगारों को रोजगार दिलाने के लिए कामगार श्रमिक कल्याण आयोग का गठन किया जाएगा। पहले इसका नाम माइग्रेशन कमीशन था जिसका नाम अब बदल दिया गया है।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव की सलाह के आधार पर माइग्रेशन कमीशन का नाम बदलकर 'कामगार श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग' रखा गया। इस आयोग के अंतर्गत श्रमिकों और कामगारों के रोजगार, स्किल मैपिंग और कौशल विकास में मदद दी जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के मुताबिक जल्द ही इस आयोग का गठन कर लिया जाएगा।
रोजगार के साथ सामाजिक सुरक्षा की गारंटी
सीएम योगी के मुताबिक इस आयोग के तहत वापस गृह राज्य आए सभी श्रमिकों व मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा साथ ही सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य मे जितने भी मैनपावर है सरकार उनकी स्किल मैपिग करवा रही है इसके बाद उन्हीं के आधार पर उन सभी को रोजगार मुहैया करवाया जाएगा। उन्होंने साथ ही ये भी गारंटी देते हुए कहा कि इसके बाद से अन्य कोई भी राज्य सरकार बिना हमारी अनुमति के प्रदेश के मजदूरों को यहां से लेकर नहीं जा पाएगी।
सीएम योगी ने इस दौरान कहा कि लॉकडाउन के पीरियड में जिस तरह से प्रदेश के श्रमिकों व कामगारों के साथ दुर्दशा हुई है उनही हालत को देखते हुए ही उन्हें रोजगार मुहैया करवाने व उन्हें सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने का फैसला लिया गया है। सरकार सबसे श्रमिकों की स्किल मैपिंग करवा कर उनका डेटा कलेक्ट करेगी इसके बाद उसे उसी आधार पर रोजगार मुहैया करवाने की योजना पर आगे का काम किया जाएगा।
आपको बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अब तक 26 लाख प्रवासी मजदूर वापस आ चुके हैं और अब उन्हें अपने राज्य में ही सैटल करवाने का राज्य की योगी सरकार इंतजाम करने जा रही है।
पीएम मोदी ने मन की बात में किया था जिक्र
बता दें कि मई महीने के मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी माइग्रेंट कमीशन के गठन की बात पर काफी जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए माइग्रेंट कमीशन के गठन पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि गांवों में रोजगार, स्व-रोजगार व कुटीर उद्योंगों के रास्ते खोलने के लिए सरकारी स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में करोड़ों प्रवासी मजदूरों के अपने घर पहुंचने के बाद बेरोजगार की समस्या आ खड़ी हुई है। इसी परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने अपने मन की बात के कार्यक्रम में इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर इसे लेकर काम भी शुरू हो गया है। स्किल मैपिंग की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। कहीं पर स्टार्टअप्स इसमें सहयोग कर रहे हैं तो कहीं पर माइग्रेशन कमीशन का गठन किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि इस लॉकडाउन में मजदूर व श्रमिकों को जितना कष्ट हुआ है उस दर्द को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी जोड़ते हुए कहा कि इन सबसे उबरने का एकमात्र रास्ता ये बचा है कि हमें अब 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने की दिशा में कदम रखना होगा।