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CDS बिपिन रावत के सैन्य अभियान, जिनसे भारत हुआ मजबूत, जानें क्या बना रहे थे खास

Updated Dec 10, 2021 | 21:39 IST

CDS Bipin Rawat: बिपिन रावत को अपने कार्यकाल में चीन, पाकिस्तान की चुनौती के साथ पूर्वोत्तर भारत में उग्रवादी गतिविधियों की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वह इन चुनौतियों को देखते हुए थिएटर कमांड को मूर्त रूप देने का काम कर रहे थे।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
सीडीएस बिपिन रावत के प्रमुख सैन्य अभियान
मुख्य बातें
  • मणिपुर में हुई सर्जिकल स्ट्राइक को सफल बनाने में उनकी नेतृत्व क्षमता पूरे देश ने देखी थी।
  • चीन और पाकिस्तान की चुनौती से निपटने के लिए थिएटर कमांड पर काम कर रहे थे।
  • बिपिन रावत अपने बेबाक और सख्त बयानों को लेकर भी चर्चा में रहे।

नई दिल्ली:  देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत की अचानक मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। वह देश के सर्वोच्च सैन्य कमांडर थे। और जब 2020 में उन्होंने सीडीएस का पद संभाला था। तो उनके ऊपर कई अहम जिम्मेदारियां और चुनौतियां थी। उनके ऊपर थिएटर कमांड बनाने, चीन और पाकिस्तान की चुनौती से निपटने और उन्हें मुहतोड़ जवाब देने से लेकर सेना का आधुनिकीकरण करने की अहम जिम्मेदारी थी। 

म्यांमार में हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक

जून 2015 में मणिपुर में हुए एक आतंकी हमले में 18 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। आतंकियों को सबक सिखाने का काम 21 पैरा कमांडो ने म्यांमार में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए  किया था। इस आपरेशन मेंआतंकी संगठन एनएससीएन (के) के कई आतंकी मारे गए थे।  21 पैरा , थर्ड कॉर्प्स के अधीन थी, जिसके कमांडर बिपिन रावत ही थे। इसी तरह उरी आतंकी हमले के बाद  सितंबर 2016 में पीओके के बालाकोट में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के रणनीतिकारों में बिपिन रावत भी शामिल रहे। 

कार्यकाल में डोकलाम और गलवान घाटी विवाद का सामना

बिपिन रावत जब थल सेना अध्यक्ष थे तो उस समय चीन ने डोकलाम में गुस्ताखी करने की कोशिश की थी, और फिर वह जब सीडीएस बने तो उसके बाद चीन ने लद्दाख में विवाद शुरू किया। उन दोनों परिस्थितियों में उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता सामने आई। और भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया। गलवान घाटी में चीन की हिकामत पर उनका बयान भी काफी सुर्खियों में आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत से सटी सीमा पर चीनी सेना की तैनाती में अब काफी बदलाव हुआ है। खासतौर पर बीते साल मई और जून में गलवान घाटी और उसके आसपास हुए संघर्ष के बाद से ऐसा हुआ है। उसके बाद से उन्हें यह लगा है कि उनको ज्यादा अच्छी ट्रेनिंग और तैयारी करने की जरूरत है।

इसी तरह उन्होंने पाकिस्तान को लेकर कहा था कि  'जब हम जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं, तो इसमें पीओके भी शामिल हैऔर गिलगिट बाल्टिस्तान क्षेत्र भी शामिल हैं। इसलिए पीओके अवैध कब्जे वाला क्षेत्र है क्योंकि इस पर हमारे पड़ोसियों ने अवैध तरीके से कब्जा किया है।  

चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए थिएटर कमांड

सीडीएस के रूप में जनरल बिपिन रावत की अहम जिम्मेदारी भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को एक छत के नीचे लाना है। इसके लिए वह थिएटर कमांड बना रहे थे। इसके जरिए युद्ध की स्थिति में तीनों सेना अंगों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन कर युद्ध रणनीति बनेगी। इसके तहत चार-पांच थिएटर कमांड बनाए जा सकते हैं।

जाहिर है सीडीएस बिपिन रावत के ऊपर कई अहम जिम्मेदारियां थीं, और उनके अचानक निधन के बाद नए सीडीएस के ऊपर उनकी योजनाओं को अमल में लाने की चुनौतियां भी होंगी।

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