- मोदी सरकार पीओके से जम्मू-कश्मीर आकर बसने वाले 5,300 विस्थापित परिवारों के लिए पुनर्वास पैकेज देगी
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2016 में पीओके से विस्थापित परिवारों के लिए पुनर्वास पैकेज की घोषणा की थी
- 1947 में भारत के विभाजन के दौरान, 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान भी हजारों लोग विस्थापित हुए थे
नई दिल्ली : पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से कश्मीर आए परिवारों को मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि यह फैसला लिया गया है कि पीओके से जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और देश के अन्य हिस्सों में आकर बसने वाले परिवारों को केंद्र सरकार मदद देगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवारों को 5.5 लाख रुपए का पैकेज (package for PoK families) दिए जाएंगे। इससे इन विस्थापित परिवारों को न्याय मिलेगा। पीओके से 5300 विस्थापित परिवार जम्मू-कश्मीर के अलावा अन्य क्षेत्रों में बस गए थे।
मोदी कैबिनेट ने बुधवार को 5,300 विस्थापित परिवारों के लिए पुनर्वास पैकेज के रूप में 5.5 लाख रुपए के एकमुश्त भुगतान की मंजूरी दी। जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से आए थे और शुरू में जम्मू और कश्मीर से बाहर बस गए थे, लेकिन बाद में राज्य में स्थानांतरित हो गए।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 'ऐतिहासिक गलत' को ठीक कर दिया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि जो परिवार पीओके से आए थे लेकिन जम्मू-कश्मीर के बाहर बस गए थे, उन्हें पैकेज से बाहर रखा गया था।
उन्होंने कहा कि ये परिवार बाद में जम्मू और कश्मीर में बस गए थे। अब ऐसे 5,300 परिवारों को पुनर्वास पैकेज में शामिल किया गया है। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन पीओके परिवारों के लिए पुनर्वास पैकेज की घोषणा की थी जो अलग-अलग अवसरों पर विभाजन के बाद जम्मू और कश्मीर में बस गए थे।
पीएम ने नवंबर 2016 में जम्मू और कश्मीर के लिए एक पुनर्निर्माण योजना की घोषणा की थी। उनकी योजना में पीओके -1947 और छंबा के 36,384 विस्थापितों के वन टाइम सेटेलमेंट के लिए पुनर्वास पैकेज शामिल था।
विशेष रूप से, 1947 में भारत के विभाजन के दौरान ये परिवार पीओके से जम्मू और कश्मीर आकर बस गए थे। इतना ही नहीं 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान भी जम्मू-कश्मीर के छंबा नीबत क्षेत्र से हजारों लोग विस्थापित हुए थे।