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मोदी लगातार बदल रहे हैं गुलामी के दौर की विरासत, जानें वो 6 बड़े फैसले

Updated Sep 02, 2022 | 13:57 IST

Indian Navy New ensign: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की वर्षगांठ पर लाल किले से पंच प्रणों में गुलामी की निशानियों से मुक्ति की बात कही थी। पिछले 8 वर्षों में मोदी सराकर के कार्यकाल को देखा जाय तो उसने कई ऐसे फैसले किए, जिसमें वह लगातार गुलामी की उन प्रतीकों को हटा रही है, जो देश को ब्रिटिश काल की गुलामी  की याद दिलाते हैं।

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मोदी सरकार बदल रही है कई परंपराएं
मुख्य बातें
  • बीटिंग द रिट्रीट समारोह में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही अबाइड विद मी धुन हटा ली गई।
  • इंडिया गेट पर मौजूद छतरी में 23 जनवरी 2022 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस का होलोग्राम लगाया गया
  • रेल बजट का आम बजट में विलय किया गया।

Indian Navy New ensign:मोदी सरकार पिछले 8 वर्षों में लगातार गुलामी की उन प्रतीकों को हटा रही है, जो देश को ब्रिटिश काल की गुलामी  की याद दिलाते हैं। इसी कड़ी में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नौसेना का नया ध्वज या निशान जारी किया। नए ध्वज में अष्टकोणीय सीमाएं शिवाजी महाराज राजमुद्रा या छत्रपति शिवाजी महाराज की मुहर से प्रेरणा लेते हुए बनाई गई हैं। शिवाजी की दूरदृष्टि का ही परिणाम था कि उन्होंने एक विश्वसनीय नौसेना बेड़े का निर्माण किया। और अब उसने ब्रिटिश काल के प्रतीक सेंट जार्ज क्रॉस की जगह ले ली है।

कैसा है नया निशान

ध्वज या निशान में भारत के गौरवशाली इतिहास का की शौर्य गाथा है और उपनिवेशवाद से आजादी का प्रतीक है। नए निशान में ऊपरी बाएं कैंटन में राष्ट्रीय ध्वज, और फ्लाई साइड के केंद्र में एक नेवी ब्लू - गोल्ड अष्टकोण है। अष्टकोण स्वर्ण राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक की लाट के साथ नीली देवनागरी लिपि में 'सत्यमेव जयते' के साथ अंकित) स्वर्ण अष्टकोणीय सीमाओं के साथ है, जो एक एंकर के ऊपर टिकी हुआ है। और एक ढाल पर लगा हुआ है। ढाल के नीचे, अष्टकोण के भीतर, एक सुनहरे बॉर्डर वाले रिबन में, गहरे नीले रंग की पृष्ठभूमि पर, स्वर्ण देवनागरी लिपि में भारतीय नौसेना का आदर्श वाक्य 'सम नो वरुणः' अंकित किया गया है।

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एक एक सितंबर तक भारतीय नौसेना के निशान में सफेद रंग के आधार पर लाल रंग का क्रॉस बना हुआ था। जो कि सेंट जॉर्ज का प्रतीक है। ध्वज के ऊपरी कोने में तिरंगा बना हुआ है। साथ ही क्रॉस के बीच में अशोक चिन्ह बना हुआ है। जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा हुआ था।

पीएम मोदी ने कही थी गुलामी  के निशान हटाने की बात

इसके पहले  प्रधानमंत्री ने आजादी की वर्षगांठ पर लाल किले से पंच प्रणों में गुलामी की निशानियों से मुक्ति की बात भी कही थी। और अगर उनके पिछले 8 साल के शासन को देखा जाय तो उन्होंने ऐसी विरासतों को हटाने के कई ऐसे फैसले किए हैं, जो गुलामी के दौर के विरासत में आज भी चलाए जा रहे थे। 

  1. 26 जनवरी 2022 को बीटिंग द रिट्रीट समारोह में स्कॉटिश कवि हेनरी फ्रांसिस लिटे द्वारा बनाई गई अबाइड विद मी धुन हटा कर कवि प्रदीप की 'ऐ मेरे वतन के लोगों' शामिल की गई।
  2. इंडिया गेट पर मौजूद छतरी में 23 जनवरी 2022 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस का होलोग्राम लगाया गया, जिस पर मूर्ति लगने जा रही है।
  3. मार्च 2022 में शहीद दिवस के मौके पर कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में बिप्लब भारत गैलरी का शुभारंभ किया
  4. आम बजट पहले फरवरी के अंतिम दिन होता था। फरवरी 2017 से अरुण जेटली ने इसे फरवरी के पहले दिन पेश करना शुरु किया। आखिरी दिन बजट पेश करने की वजह ब्रिटेन के बजट से जुड़ी हुई थी।
  5. अब तक अंग्रेजों के जमाने के 1500 से ज्यादा कानून खत्म किए जा चुके हैं।
  6. रेल बजट का आम बजट में विलय किया गया।
     

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