पटना : मोदी सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने रविवार को अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि आयुष मंत्रालय कैंसर को ठीक करने और गोमूत्र का उपयोग कर दवाइयां बनाने की तैयारी में गंभीरता से काम कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई भी औषधीय लाभ के लिए गोमूत्र पीते थे।
चौबे ने कहा कि गोमूत्र बहुत ही पावरफुल है। यह अद्वितीय माना जाता है। इसमें विभिन्न तरह के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इलाज करने का गुण है। आयुष मंत्रालय दवाइयां बनाने की तैयारी और कैंसर के इलाज के लिए गोमूत्र का उपयोग करने पर भी काम कर रहा है। चर्चा और प्रयास इस बात पर हो रही है कि कैंसर के लिए कैसा मेडिसिन लिया जाए।
गोमूत्र पर शोध की जरुरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, 'हम देखते हैं कि कई बार लोग अपने रोग को ठीक करने के लिए मूत्र पीते हैं। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई जी स्वयं गाय का मूत्र पीते थे। हमें गोमूत्र पर शोध को करने की आवश्यकता है। मंत्री शनिवार की बातों को दोहराया। उन्होंने कहा था कि आयुष मंत्रालय कैंसर के इलाज के लिए और गोमूत्र का उपयोग कर दवाइयां बनाने पर गंभीरता से काम कर रहा है।
उन्होंने शनिवार को कहा था कि गोमूत्र का उपयोग कई प्रकार की दवाइयां बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी के इलाज के लिए भी किया जाता है। अक्सर गाय के देसी किस्म के मूत्र का उपयोग किया जाता है। आयुष मंत्रालय इस पर गंभीरता से काम कर रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार गायों के संरक्षण पर काम कर रही है।
डायबिटिज और कैंसर जैसी बीमारियों के बढ़ने पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 'डायबिटिज और कैंसर जैसे गैर-संक्रामक रोग दुनिया भर में एक चुनौती हैं। हम बीमारियों को पूरी तरह से खत्म करने का दावा नहीं कर सकते हैं लेकिन हम इसे नियंत्रण कर सकते हैं। भारत सरकार ने सतत विकास लक्ष्य के तहत 2030 की समय सीमा तय की है।'
उन्होंने कहा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (जेएवाई) के तहत कैंसर के इलाज को शामिल करने के एक प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा मंत्रालय, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) मंत्रालय वैकल्पिक मेडिसिन के क्षेत्र में रिसर्च, विकास और शिक्षा पर काम कर रहा है।