- मानसून सत्र 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने की संभावना
- कोरोना महामारी के चलते इस बार बिल्कुल अलग होगा संसद का सत्र
- सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सदन चलाने के लिए कई नियम बदले गए हैं
नई दिल्ली: संसद का आगामी मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हो सकता है। इस सत्र में दोनों सदनों में 18 बैठकें होने की उम्मीद है। बिना एक भी दिन की छुट्टी दोनों सदनों में कार्यवाही चलेगी। हालांकि इस संबंध में अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। बजट सत्र 23 मार्च को समाप्त हो गया था, और दो सत्रों के बीच अधिकतम छह महीने का अंतर होना चाहिए, जो कि 22 सितंबर को समाप्त हो रहा है।
इसी संबंध में सूत्रों से जानकारी सामने आई है कि संसद के 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने की संभावना है और सदन की कार्यवाही शनिवार और रविवार को भी होगी। 14 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच दो शनिवार और रविवार होंगे।
कोरोना के कारण कई बदलाव
मंत्रिमंडल की संसदीय मामलों की समिति ने आगामी मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू करने की सिफारिश की है। मानसून सत्र को लेकर जोरदार तैयारियां चल रही है क्योंकि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संसदीय इतिहास में बहुत कुछ पहली बार होने जा रहा है। उचित दूरी का पालन करने के लिए नई व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। मसलन, सदस्यों के बैठने के लिए दोनों सदन कक्षों और दीर्घाओं का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है।
दोनों सदनों में कार्यवाही अलग-अलग समय
आम तौर पर दोनों सदनों में एक साथ बैठकें होती हैं लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस बार असाधारण परिस्थिति के कारण एक सदन सुबह के समय बैठेगा और दूसरे की कार्यवाही शाम को होगी। 60 सदस्य सदन कक्ष में बैठेंगे और 51 सदस्य राज्यसभा की दीर्घाओं में बैठेंगे। इसके अलावा बाकी 132 सदस्य लोकसभा के सदन कक्ष में बैठेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों और सदन और विपक्ष के नेताओं के लिए राज्यसभा के कक्ष में आरक्षित सीटें होंगी। डॉ. मनमोहन सिंह और एच डी देवेगौड़ा सहित पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए भी चैंबर में सीटें आरक्षित होंगी।
कोविड 19 महामारी के कारण संसद परिसर में पत्रकारों के प्रवेश के नियमों में बदलाव का प्रस्ताव है। इसके अनुसार, लोकसभा की कार्यवाही को कवर करने के लिए 30 से कम मीडिया पास जारी किए जाएंगे, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही को कवर करने के लिए लगभग 20 पास जारी किए जाएंगे।