- यूपी और मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को उपचुनाव, 10 नवंबर को आएंगे नतीजे
- मध्य प्रदेश का चुनाव शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों के लिए अहम
- यूपी में आठ सीटों पर उपचुनाव, पश्चिमी यूपी से हैं चार सीटें
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश और यूपी के साथ साथ छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना के कुल 54 सीटों के लिए उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। बता दें कि मध्य प्रदेश में 28 और यूपी में आठ सीटों पर उपचुनाव होगा। इसके साथ ही बिहार के 1 संसदीय क्षेत्र और मणिपुर की 2 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव 7 नवंबर होंगे। सभी उपचुनावों के नतीजे 10 नवंबर को सामने होंगे।
यूपी और एमपी के उपचुनाव बीजेपी के लिए अहम
यूपी और एमपी के होने वाले उपचुनाव को अहम माना जा रहा है। अगर बात एमपी की करें तो यह शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। मध्य प्रदेश में 28 सीटों के नतीजे शिवराज सिंह चौहान की किस्मत को तय करेंगे तो इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया की ताकत पर भी मुहर लगेगी। दरअसल कांग्रेस के जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया था उसमें से सभी सिंधिया के समर्थक थे।
शिवराज- सिंधिया का टेस्ट
मध्य प्रदेश के चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह चुनाव किसान कानून के बाद कराए जा रहे हैं , जिन इलाकों में चुनाव होंगे वो सब ग्रामीण इलाकों से जुड़े हुए हैं। जानकार कहते हैं कि बीजेपी का जीत का मतलब होगा कि केंद्र सरकार कह सकेगी बिल अन्नदाताओं के समर्थन में है और कांग्रेस का विरोध गैरवाजिब है। उपचुनाव में प्रचार के दौरान कमलनाथ इस समय शिवराज सिंह चौहान पर हमलावर हैं। वो सभी सभाओं में कह रहे हैं कि आने वाले उपचुनाव में जनता फैसला कर देगी।
यूपी की आठ सीटों पर उपचुनाव
यूपी के जिन आठ सीटों पर मतदान होने जा रहा है उसमें से चार सीटों का पश्चिमी यूपी से संबंध है। ये वो इलाके हैं जहां किसान आंदोलन की आहट सुनाई दे रही है। विपक्ष का कहना है कि किसान आंदोलन से साफ है कि जनता किस तरह से प्रदेश और केंद्र सरकार की नीतियों से परेशान है। इसके साथ ही योगी सरकार जिस तरह से फैसले कर रही है उससे साफ है कि जनता के हितों से लेना देना नहीं है।