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क्रूरता की हदें पार: नींद में बेड गीला कर देती थी बच्ची, जलती चीज से दाग दिया प्राइवेट पार्ट!

Updated Jul 25, 2022 | 14:04 IST

पीड़ित लड़की के गुप्तांग पर किसी जलती चीज से दागे जाने का गंभीर जख्म है, उसके सिर के कुछ बाल उखड़े हुए हैं और उसके शरीर पर नाखूनों से नोंचे जाने के निशान भी हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
मुख्य बातें
  • कथित अत्याचार की शिकार लड़की को अस्पताल में करा दिया गया है भर्ती
  • आरोपी पीड़ित की करीबी रिश्तेदार है और उसके परिवार ने लड़की को गोद लिया था
  • लड़की के बयान और डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर FIR में जुड़ेंगी और धाराएं

मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महिला ने गोद ली गई नौ साल की लड़की के प्राइवेट पार्ट (गुप्तांग) को कथित तौर पर इसलिए दाग दिया क्योंकि वह रात में सोते समय बिस्तर गीला कर देती थी। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

एमआईजी पुलिस थाने के प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि रात में सोते वक्त बिस्तर गीला करने की सजा के नाम पर 40 वर्षीय महिला के कथित अत्याचार की शिकार लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वर्मा ने बताया कि महिला के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), धारा 324 (खतरनाक साधनों से जान-बूझकर चोट पहुंचाना) और 506 (धमकाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

थाना प्रभारी के मुताबिक आरोपी महिला पीड़ित लड़की की करीबी रिश्तेदार है और उसके परिवार ने लड़की को गोद लिया था। उन्होंने बताया कि आरोपी को अभी औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया है।

इस बीच, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल ने बताया कि पीड़ित लड़की के गुप्तांग पर किसी जलती चीज से दागे जाने का गंभीर जख्म है, उसके सिर के कुछ बाल उखड़े हुए हैं और उसके शरीर पर नाखूनों से नोंचे जाने के निशान भी हैं। पोरवाल ने कहा, "लड़की की हालत देखकर लगता है कि उसे गोद लेने वाली महिला बेहद विकृत मानसिकता की शिकार है जिसने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं।"

बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस ने इस महिला पर "हल्की" धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और मामले में लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) और अन्य गंभीर प्रावधान जोड़े जाने चाहिए।

एमआईजी थाना प्रभारी वर्मा ने कहा कि लड़की के बयान और उसका इलाज कर रहे डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी में उचित धाराएं जोड़ी जाएंगी। 

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