मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व सांसद किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि शिकायत के सिलसिले में पेश होने में विफल रहने के बाद अदालत ने सोमवार को शिवसेना सांसद संजय राउत के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया। सेवरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने पिछले महीने राउत के खिलाफ समन जारी कर उन्हें चार जुलाई को पेश होने को कहा था।
हालांकि, सोमवार को न तो राउत और न ही उनके वकील अदालत में मौजूद थे। मेधा सोमैया के वकील विवेकानंद गुप्ता ने ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसलिए, हमने उनके खिलाफ वारंट जारी करने के लिए एक आवेदन किया, जिसे अदालत ने अनुमति दी। बाद में दोपहर करीब 12 बजे राउत के वकील अदालत में पेश हुए और नेता के खिलाफ जारी वारंट पर रोक लगाने की मांग की। हालांकि, अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और मामले को 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले मजिस्ट्रेट ने समन जारी करते हुए कहा था कि रिकॉर्ड पर पेश किए गए दस्तावेजों और वीडियो क्लिप से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता (मेधा) के खिलाफ मानहानिकारक बयान दिए थे ताकि इसे जनता द्वारा बड़े पैमाने पर देखा जा सके और समाचार पत्रों में लोगों द्वारा पढ़ा जा सके। अदालत ने कहा था कि शिकायतकर्ता ने प्रथम दृष्टया यह भी साबित कर दिया था कि आरोपी संजय राउत ने जो शब्द कहे थे, उससे शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची थी।
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मेधा सोमैया ने वकील गुप्ता और लक्ष्मण कनाल के माध्यम से दायर अपनी शिकायत में दावा किया कि राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ निराधार और पूरी तरह से मानहानिकारक आरोप लगाए थे। उन पर मीरा भायंदर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में कुछ सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव में 100 करोड़ रुपए के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया। उन्होंने अदालत से राउत के खिलाफ मानहानि के आरोप में कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया था, जैसा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत परिभाषित किया गया है।
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