Obscene Messages to Fiancee: मुंबई की एक सत्र अदालत ने मंगेतर को भेजे गए अश्लील मैसेज को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है, ये फैसला सुर्खियों में है, कोर्ट ने कहा कि ऐसे मैसेज किसी की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले नहीं हो सकते हैं, कोर्ट ने कहा कि शादी से पहले मंगेतर को अश्लील मैसेज भेजना गरिमा का अपमान नहीं है और ये एक दूसरे की भावनाओं को समझने और खुशी के लिए माना जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने कहा कि शादी से पहले इस तरह के मैसेज भेजने से खुशी मिलती है और ये महसूस होता है कि कोई व्यक्ति किसी की भावनाओं को समझने के लिए काफी करीब है। इस मामले पर अदालत का कहना था कि, 'यदि दूसरे पक्ष को ये सब पसंद नहीं है, तो उन्हें अपनी नाराजगी व्यक्त करने का विवेक उनके पास है और दूसरा पक्ष आम तौर पर ऐसी गलती की पुनरावृत्ति से बचता है,लेकिन किसी भी तरह से उन संदेशों को लेकर ये नहीं कहा जा सकता कि अमुक संदेश उसकी गरिमा का अपमान करने के लिए भेजे गए थे।'
जानिए आखिर क्या है ये पूरा केस?
बता दें कि महिला ने साल 2010 में एक शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, एक लड़की ने अपने मंगेतर पर शादी का झांसा देकर रेप का आरोप लगाया था दोनों की साल 2007 में मेट्रोमोनियल साइट पर मुलाकात हुई परंतु लड़के की मां शादी के खिलाफ थी। इसके बाद साल 2010 में युवक ने युवती के साथ अपने सारे रिश्ते खत्म कर लिए कोर्ट ने आरोपी शख्स को बरी करते हुए कहा कि शादी का वादा करके छोड़ने को धोखा देना या रेप नहीं कहा जा सकता है।
'इन संदेशों से हो सकता है कि मंगेतर को भी खुशी हो...'
कोर्ट ने कहा कि 'अगर कोई किसी दूसरे को पसंद नहीं करता है तो यह उसका अधिकार है कि वह अपनी नाखुशी दूसरे शख्स को बता दे और दूसरा पक्ष इस तरह की गलती से बचे। इन संदेशों का उदेश्य मंगेतर के सामने अपनी इच्छाओं को बताना, सेक्स की भावना जगाना आदि हो सकता है, इन संदेशों से हो सकता है कि मंगेतर को भी खुशी हो लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि ऐसे मैसेज किसी से शादी करने जा रही महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले हैं।'