- फ्रांस में हुई हिंसा के बीच शायर मुनव्वर राणा पर हमलावरों के समर्थन का आरोप लगा
- आरोपों पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया
- उन्होंने यह भी कहा कि मजहब खतरनाक खेल है और इंसानों को इससे दूर रहना चाहिए
लखनऊ : फ्रांस में कार्टून विवाद को लेकर भड़की हिंसा के बीच पूरी दुनिया में उबाल है। पाकिस्तान, तुर्की सहित कई देशों ने फ्रांस के प्रति खुलकर नाराजगी जताई है तो सऊदी अरब, भारत जैसे देश भी हैं, जिन्होंने इस मसले पर फ्रांस का समर्थन किया है। इस बीच भारत में मशहूर शायर मुनव्वर राणा पर ऐसे आरोप हैं कि उन्होंने हमलावरों का बचाव किया। उन पर यह आरोप उनके ही एक बयान को लेकर लगाया गया। हालांकि बाद में उन्होंने यह कहते हुए इस पर सफाई दी कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुनव्वर राणा ने कहा कि कार्टून बनाने का मकसद पैगंबर मुहम्मद व इस्लाम का अपमान करना था और इस तरह की घटनाएं लोगों को अतिवादी कदम उठाने पर मजबूर करती है, जैसा कि फ्रांस में हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह खुद भी उसकी जगह होते तो यही करते। वहीं, बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि मजहब एक खतरनाक खेल है और इंसानों को इससे दूर रहना चाहिए।
मुनव्वर राना ने दी सफाई
एक टीवी चैनल से बातचीत में मुनव्वर राणा ने कहा कि उन्होंने फ्रांस हिंसा को कभी जायज नहीं ठहराया और उनकी बात का गलत अर्थ निकाला गया। कार्टून विवावद पर उन्होंने कहा कि कार्टून बनाने का अर्थ है अल्लाह की बनाई हुई शक्ल को बिगाड़ कर पेश करना। एक टीचर जो अध्यापक है, वह मोहम्मद साहब का कार्टून बनाकर क्यों दिखाएगा?
उन्होंने कहा, अगर उन्हें कार्टून दिखाना ही है तो खुदा का कार्टून दिखाए, हजरत ईसा का कार्टून दिखाए, हजरत मरियम का कार्टून दिखाए। लेकिन वे नहीं दिखाएंगे, क्योंकि वह खुद भी खुदा को मानते हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ मोहम्मद साहब से परेशानी है।