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जेएनयू के VC को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं देनी चाहिए : मुरली मनोहर जोशी

Updated Jan 09, 2020 | 20:13 IST

Murli Manohar Joshi says JNU VC : मुरली मनोहर जोशी ने गुरुवार को अपना नजरिया पेश करते हुए कहा कि ऐसे वीसी को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए जो सरकार की बात न सुनता हो।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि जेएनयू के वीसी को पद से हटाना चाहिए।
मुख्य बातें
  • जेएनयू वीसी को हटाने की मुहिम हुई तेज, गुरुवार को छात्रों ने किया मार्च
  • जोशी बोले-सरकार की बात न सुनने वाले वीसी को पद पर नहीं रहने देना चाहिए
  • गत पांच जनवरी को जेएनयू कैंपस में बड़ी पैमाने पर हुईं हिंसा की घटनाएं

नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के वाइस चांसलर जगदीश कुमार को हटाने की मुहिम से पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी भी जुड़ गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में एचआरडी मंत्री रहे जोशी ने गुरुवार को अपना नजरिया पेश करते हुए कहा कि ऐसे वीसी को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए जो सरकार की बात न सुनता हो। उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्टें हैं कि एचआरडी मंत्रालय ने इस विवाद का हल निकालने के लिए उन्हें सुझाव दिए लेकिन उन्होंने उन प्रस्तावों को नजरंदाज किया। 

जोशी ने कहा, 'ऐसी रिपोर्टें हैं कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शुल्क वृद्धि मामले का हल निकालने के लिए जेएनयू के वीसी को दो बार कुछ तार्किक एवं काम करने वाला फॉर्मूला लागू करने का सुझाव दिया था। वीसी को विश्वविद्यालय के छात्रों एवं अध्यापकों के साथ बातचीत करने के लिए भी कहा गया था। यह काफी हैरान करने वाला है कि वीसी सरकार के प्रस्ताव को लागू न करने पर उतारू हैं। मेरी राय में इस तरह का नजरिया शोचनीय है और इस तरह के वीसी को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।'

इस बीच, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि सचिव अमित खरे ने मौजूदा संकट का हल निकालने के लिए जेएनयूटीए के प्रोफेसर डीके लोबियाल की अगुवाई वाले शिष्टमंडल के साथ बैठक की है। इस बैठक में जेएनयू की प्रतिष्ठा बनाए रखने पर जोर दिया गया है।

बता दें कि गत पांच जनवरी को जेएनयू कैंपस में काफी हिंसा हुई। कैंपस में बड़ी संख्या में नकाबपोश हमलावर दाखिल हुए और उन्होंने छात्रावासों में जाकर छात्रों की पिटाई की और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। इन हमलों में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष भी घायल हुईं। लेफ्ट छात्र संगठनों से जुड़े नेताओं ने हिंसा के लिए एबीवीपी और वीसी को जिम्मेदार ठहराया है। 

प्रदर्शनकारी छात्र अब वीसी को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। जेएनयू के प्रदर्शनकारी छात्रों ने गुरुवार को वीसी की हटाए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।

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