- कैप्टन और सिद्धू में आर-पार!
- सिद्धू के सलाहकारों के बयानों से टकराव
- कांग्रेस में मलविंदर और प्यारे लाल पर कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली: पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच का टकराव अब आर पार की जंग में बदल गया है। पंजाब के करीब 30 कांग्रेस विधायकों और नेताओं ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और दिल्ली में कांग्रेस आला कमान से मिलने के लिए पांच नेता दिल्ली रवाना हो गए हैं। आज पंजाब के मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा के घर पर इन नेताओं और विधायकों की बैठक हुई जिसके बाद 5 सदस्यों की कमेटी बनाने का फैसला लिया गया है। सूत्र बताते हैं कि ये नेता और विधायक राज्य में अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादले से भी नाराज हैं और इन नेताओं का मानना है कि जो पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं वो विधायकों के पक्ष में नहीं हैं। इस बीच आज कैप्टन अमिरिंदर सिंह को कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करना था लेकिन वो इसमें भी नहीं पहुंचे तो दूसरी तरफ हरीश रावत ने भी अपना पंजाब दौरा तीन चार दिन के लिए टाल दिया है।
तृप्त बाजवा ने कहा, 'मेरी राय है कि सीएम को बदला जाना चाहिए नहीं तो कांग्रेस नहीं बचेगी। हम इस मामले पर बोलने के लिए सोनिया गांधी से मिलने आज दिल्ली जा रहे हैं।' चार मंत्रियों- तृप्त बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, चरणजीत चन्नी और विधायक परगट सिंह समेत पांच नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मिलेगा।
वहीं सिद्धू के सलाहकारों प्यारे लाल गर्ग और मलविंदर सिंह मल्ली को कांग्रेस ने कारण बताओ नोटिस दिया है। ये नोटिस प्यारे लाल गर्ग और मलविंदर सिंह मल्ली के बयान और सोशल मीडिया पोस्ट पर दिए गए हैं। नोटिस पर दोनों सलाहकारों के जवाब मिलने के बाद ही कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा। आखिर पंजाब में ऐसा क्या हुआ कि जिसके बाद कांग्रेस को कारण बताओ नोटिस जारी करना पड़ा।
- विवाद सिद्धू के दो सलाहकारों मलविंदर सिंह मल्ली और प्यारे लाल के विवादास्पद बयानों से शुरू हुआ।
- कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बयान दिया था जिसके बाद प्यारे लाल ने इस बयान को पंजाब के हितों के खिलाफ बताया था।
- इसके अलावा सिद्धू के सलाहकार मलविंदर ने कश्मीर से धारा 370 को हटाने पर विवादित पोस्ट लिखी थी।
- इसी के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दोनों सलाहकारों को हद में रहने की नसीहत दी थी।
- इसके बाद कांग्रेस के भीतर भी इस तरह के बयानों पर कार्रवाई की मांग उठ रही है। मनीष तिवारी और संदीप दीक्षित ने इसको लेकर कड़े बयान दिए हैं।