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म्‍यांमार के सैन्‍य शासन ने अब भारत को लिखा पत्र, 'दोस्‍ताना' रिश्‍तों का हवाला देकर रखी ये मांग

Updated Mar 07, 2021 | 10:25 IST

म्‍यांमार में 1 फरवरी को सेना ने तख्‍तापलट कर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को हटाकर सत्‍ता हथिया ली थी। उसके बाद यहां लोकतंत्र की मांग करने वालों को सैन्य शासन ने बुरी तरह कुचलने का प्रयास किया है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट के बाद जबरदस्‍त विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं

यांगून : भारत की पूर्वोत्‍तर सीमा से सटे पड़ोसी देश म्यांमार में 1 फरवरी को सेना ने तख्‍तापलट कर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को हटा दिया था और सत्‍ता हथिया ली थी। उसके बाद से देश में सैन्‍य शासन के खिलाफ और लोकतंत्र की मांग को लेकर देशभर में व्‍यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी अपनी नेता आंग सान सू ची सहित लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित अन्‍य नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिन्‍हें देश में आपातकाल की घोषणा के साथ ही हिरासत में ले लिया गया था।

म्‍यांमार का सैन्‍य शासन लोकतंत्र समर्थन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बुरी तरह दमनात्‍मक कार्रवाई कर रहा है। सैन्‍य कार्रवाई में यहां अब तक 50 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच आठ पुलिसकर्मियों के म्‍यांमार की सीमा को पार कर शरण लेने के लिए भारत पहुंच जाने की रिपोर्ट्स है। अब म्‍यांमार के सैन्‍य शासन ने पत्र लिखकर अपने उन आठ पुलिसकर्मियों को वापस भेजने का अनुरोध किया है और इसके लिए दोनों देशों के बीच 'दोस्‍ताना संबंधों' का भी हवाला दिया है।

म्‍यांमार से भागे कई पुलिसकर्मी

भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍य मिजोरम से म्‍यांमार की सीमा लगभग 510 किलोमीटर तक मिलती है। म्‍यांमार के आठ पुलिसकर्मियों के इसी सीमा से भागकर भारत में शरण के लिए आने की रिपोर्ट्स है। इससे पहले मिजोरम के गृह विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा था कि म्यांमा में सैन्य तख्तापलट की घटना के बाद से वहां के 16 नागरिकों ने भारतीय सीमा पार कर मिजोरम में शरण ली है। वहीं कुछ रिपोर्ट्स में म्‍यांमार के 19 पुलिसकर्मियों के भारत आने की बात कही जा रही है।

मिजोरम में स्‍थानीय प्रशासन ने इसकी जांच कराने की बात कही है कि म्‍यांमार से आखिर कितने लोग भारतीय सीमा में दाखिल हुए है। इन सबके बीच म्‍यांमार के सैन्‍य शासन का पत्र सामने आया है, जिसमें आठ पुलिसकर्मियों को लौटाने का अनुरोध भारत से किया गया है। यह पत्र मिजोरम में चंपाई जिला उपायुक्त मारिया सी टी जुआली को मिला है, जिसे म्यांमार के फलाम जिले के उपायुक्त ने लिखा है। इसमें आठ पुलिसकर्मियों को हिरासत में लेने और उन्‍हें म्‍यांमार को सौंपने का अनुरोध किया गया है।

'मैत्रीपूर्ण संबंधों' का हवाला

भारत से म्‍यांमार के 'दोस्‍ताना संबंधों' का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया है कि वह उन आठ पुलिसकर्मियों को हिरासत में लेकर उन्‍हें वापस सौंप दे, जो सेना का आदेश मानने से इनकार करते हुए शरण के लिए भारतीय सीमा में दाखिल हुए हैं। इसमें कहा गया है कि दोनों देशों के 'मैत्रीपूर्ण रिश्ते कायम रहें, इसलिए आपसे गुजारिश है कि जो आठ पुलिसकर्मी आपके देश पहुंचे हैं, उन्‍हें म्‍यांमार को सौंप दिया जाए।' भारत पूरे मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए है।

भारतीय सीमा में म्‍यांमार के नागरिकों और पुलिसकर्मियों के दाखिल होने को लेकर शुक्रवार (5 मार्च) को विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि वह म्‍यांमार के हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है। म्‍यांमार से नागरिकों और पुलिसकर्मियों के भारतीय सीमा में दाखिल होने की रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग  श्रीवास्‍तव ने कहा था कि इसकी जांच की जा रही है और इस बारे में पुख्‍ता जानकारी एकत्र की जा रही है।
 

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