- उत्तराखंड में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या 16 हो गई है
- नैनीताल में मॉल रोड और नैनी झील के किनारे पर स्थित नैना देवी मंदिर में बाढ़ आ गई
- मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है
नई दिल्ली: उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों विशेषकर कुमाऊं क्षेत्र में लगातार भारी बारिश हो रही, जिससे कई घर धराशायी हो गए और कई लोग मलबे में दब गए। कई भूस्खलन के कारण लोकप्रिय पर्यटन स्थल की ओर जाने वाली तीन सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण नैनीताल राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वासन दिया कि राज्य में चल रहे राहत और बचाव कार्यों में सहायता के लिए सेना के तीन हेलीकॉप्टर जल्द ही पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा कि इनमें से दो हेलीकॉप्टर नैनीताल और एक गढ़वाल क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को बचाने के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, मुख्यमंत्री ने लोगों से घबराने की बात नहीं करते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने चारधाम यात्रियों से अपनी अपील दोहराई कि वे जहां हैं वहीं रहें और मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा फिर से शुरू न करें।
नैनीताल में मॉल रोड और नैनी झील के किनारे पर स्थित नैना देवी मंदिर में बाढ़ आ गई है, जबकि भूस्खलनों के कारण एक हॉस्टल की इमारत को नुकसान पहुंचा है। नैनीताल से प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन शहर में फंसे पर्यटकों की मदद के लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है। शहर में आने वाले और बाहर जाने वाले वाहनों में सवार यात्रियों को आगाह करने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है तथा यात्रियों से बारिश बंद होने तक ठहरने को कहा जा रहा है।
इसके अलावा नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर में डिग्री कॉलेज के पास दीवार गिरने से मलबे के नीचे से पांच मजदूरों के शव बरामद हुए हैं और एक और मजदूर को सुरक्षित बचा लिया गयाहै। भूस्खलनों से शहर से बाहर जाने का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। रामनगर-रानीखेत मार्ग पर लेमन ट्री रिजॉर्ट में करीब 100 लोग फंस गए हैं और उफान पर बह रही कोसी नदी का पानी रिजॉर्ट में घुस रहा है। रामगढ़ सूकना झुतिया क्षेत्र में बादल फटने से कई लोगों के घायल होने की खबर मिली। रामनगर में रिसोर्ट में 100 लोग फंसे।