नई दिल्ली : बॉलिवुड के दिग्गज कलाकार नसीरुद्दीन शाह एक बार फिर अपने बयान के कारण सुर्खियों में हैं। उन्होंने हरिद्वार में हाल ही में आयोजित धर्म संसद को लेकर सवाल उठाया और कहा कि 20 करोड़ लोग यूं ही हार नहीं मान जाएंगे, बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के आयोजनों से देश में गृह युद्ध का खतरा पैदा होता है, जिसकी परवाह मौजूदा सरकार नहीं कर रही है।
'मुगलों ने भारत में दिया अहम योगदान'
नसीरुद्दीन शाह ने मुगलों को आक्रमणकारी मानने से भी इनकार किया। 'द वायर' के लिए करण थापर को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मुगल इस देश में शरणार्थी के तौर पर आए थे और फिर यहीं रह गए। भारत में मुगलों का इतिहास गौरवशाली रहा है। उन्होंने इस देश को संगीत, नृत्य जैसी कला दी तो कई ऐतिहासिक स्मारक, इमारत आज भी उस काल के गौरव को बयां करते हैं। भारत में मुगलों के कथित अत्याचार की बातें से इतर दिग्गज अभिनेता ने कहा कि उनका इस देश में अहम योगदान रहा है।
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'20 करोड़ लोग डरेंगे नहीं, लड़ेंगे'
अल्पसंख्यक समाज के प्रति देश के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि 20 करोड़ लोगों के मन में डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन वे हार नहीं मानेंगे। वे लड़ेंगे, अपना घर बचाने के लिए, अपनी मातृभूमि बचाने के लिए, अपना परिवार बचाने के लिए, अपने बच्चों को बचाने के लिए। ये लोग यहीं के हैं, यही उनका देश है। वे यहीं रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इनके खिलाफ कोई अभियान शुरू होता है तो कड़ा प्रतिरोध भी होगा और फिर गृह युद्ध की स्थिति उत्पन्न होगी। लेकिन मौजूदा सरकार को इसकी जरा भी फिक्र नहीं है।
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सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा
मुगलों के इतिहास और देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर दिया गया नसीरुद्दीन शाह का बयान सोशल मीडिया पर भी सुर्खियों में है। लोगों ने इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने ट्विटर पर तंज भरे लहजे में लिखा कि जो पहले शरणार्थी बनकर आए, वही देश को लूटकर चले गए। वहीं एक यूजर ने शाह का समर्थन करते हुए कहा कि मुगलों ने भारत की वास्तुकला में योगदान दिया, जिसकी वजह से आज हमारा पर्यटन क्षेत्र फल-फूल रहा है। वहीं एक यूजर ने सवाल उठाया कि क्या भारत में मुगलों से पहले संगीत, नृत्य व वास्तुकला नहीं थी?