- सुशांत केस की जांच केंद्र की तीन एजेंसियां सीबीआई, ईडी और एनसीबी कर रहे हैं
- रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इस मामले की जांच एनआईए से कराने की हरी झंडी दे दी है
- 2008 के मुंबई हमलों के बाद एनआईए का हुआ गठन, आतंक के मामलों की करती है जांच
नई दिल्ली : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर सकती है। केंद्र सरकार ने सुशांत केस में सामने आए ड्रग से जुड़े मामलों की जांच एनआईए से कराने की मंजूरी दे दी है। बता दें कि एनआईए आतंक से जुड़े मामलों का जांच करती है लेकिन इस मामले में केंद्रीय एजेंसी को सुशांत की मौत की परिस्थितियों की जांच करने के लिए कहा गया है। एनसीबी की जांच में ड्रग का बॉलीवुड कनेक्शन और इसके तार पाकिस्तान से जुड़ने की बात सामने आने पर इस केस की जांच का दायरा काफी बड़ा हो गया है।
मामले की जांच करने वाली चौथी केंद्रीय एजेंसी होगी एनआईए
'हिंदु्स्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक सुशांत केस की जांच में यदि एनआईए अपना कदम बढ़ा देती है तो इस मामले की जांच करने वाली वह सीबीआई, ईडी और एनसीबी के बाद चौथी केंद्रीय एजेंसी होगी। वित्त एवं राजस्व विभाग की ओर से मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि राज्यों के साथ परामर्श करने के बाद केंद्र साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985, नारकोटिक्स ड्रग्स की धारा 53 के तहत 'एनआईए में निरीक्षकों के रैंक से ऊपर के अधिकारियों को शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का पालन करने के लिए आमंत्रित करता है।'
आतंक से जुड़े मामलों की जांच करती है एनआईए
यह सेक्शन अनुमति देता है कि सरकार 'इस एक्ट के अधीन किसी अपराध की जांच के लिए किसी भी अधिकारी को पुलिस स्टेशन की शक्तियां प्रदान कर सकती है।' 2008 के मुंबई हमलों के बाद एनआईए का गठन हुआ। यह एजेंसी विशेष रूप से आंतक से जुड़े मामलों की जांच करती आई है। पिछले साल एनआईए एक्ट में संशोधन करते हुए जांच एजेंसी को मानव तस्करी, जाली नोटों और साइबर आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच का भी अधिकार दिया गया। लेकिन नारकोटिक्स से जुड़े केस की जांच का दायरा इसके अधिकार क्षेत्र से बाहर था।
केस के दायरे को और विस्तार देगी यह जांच
रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले से जुड़े सरकार के एक सूत्र ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि सरकार का यह आदेश 'एसएसआर केस जिसमें ड्रग, मनी लॉन्ड्रिंग और सुरक्षा से जुड़े मामले उभरकर सामने आए हैं, यह आदेश इस जांच के दायरे को और विस्तार दे सकता है।' सरकार के एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि इस अधिसूचना के महत्व इस बात में है कि जो केस पहले केवल एनसीबी के दायरे में थे अब उन मामलों की जांच एनआईए कर सकती है।