नई दिल्ली: चीन अक्सर भारत की सीमा पर दखलअंदाजी करता रहता है भारत से लगी सीमाओं पर कई बार उसकी सेना के साथ तनातनी भी हुई है, भारत उसको हर मोर्चे पर उचित तरीके से काउंटर भी करता रहता है, वहीं एक बार फिर चीन भारतीय सीमाओं का अतिक्रमण कर रहा है इस बारे में नौसेना प्रमुख ने आगाह किया है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने बुधवार को कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र (Indian Ocean) में चीनी नौसेना की मौजूदगी तेजी से बढ़ रही है और भारतीय नौसना (Navy) ‘मिशन आधारित’ तैनाती के माध्यम से उनपर नजर रख रही है।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि चीन का ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भारत की सम्प्रभुता पर प्रभाव डालता है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जब चीन के जहाजों ने हमारे विशेष आर्थिक क्षेत्रों में प्रवेश किया है।
रायसीना डायलॉग’ में पैनल चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जहाज भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र में घुस आए हैं और नौसेना ने कहा है कि यह भारत के हितों को प्रभावित करता है।यह पूछने पर कि ऐसी घटनाएं होने पर क्या चीन ने भारत के दावे का पालन किया, एडमिरल सिंह ने कहा कि ऐसी एक घटना के दौरान हाल ही में 'हमने चेताया, उन्होंने उसका सम्मान किया और वापस चले गए।'
उनकी यह टिप्पणी अंडमान सागर में भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र में घुस आए चीनी नौसैनिक जहाज वाली घटना पर थी।
एडमिरल सिंह ने कहा कि चीन की नौसेना पीएलए की सामरिक शाखा है और वह बहुत तेजी से बढ़ी है।
उन्होंने कहा, 'हम सभी को संख्या, टन भार, जहाजों की संख्या और बढ़ रही सभी चीजों की जानकारी है। हमने 2008 से हिन्द महासागर में ही देखा है, जब वे पहली बार दस्यु विरोधी गश्त के लिए आए थे।'
उन्होंने कहा, 'पहले हिन्द महासागर क्षेत्र में उनकी उपस्थिति बेहद स्पष्ट नहीं होती थी, लेकिन अब किसी भी समय क्षेत्र में पीएलए के सात से आठ युद्धक पोत आपको दिख जाएंगे।'
भारतीय नौसेना 18 पारंपरिक और 6 परमाणु पनडुब्बियों को बनाने की योजना बना रही है
गौरतलब है कि हाल ही में खबरें आईं थीं कि पानी के अंदर देश की मारक क्षमता और ताकत को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना 18 पारंपरिक और 6 परमाणु पनडुब्बियों को बनाने की योजना बना रही है।
रक्षा संबंधी एक स्थाई समिति ने संसद के शीतकालीन सत्र में अपनी रिपोर्ट में कहा, '18 पारंपरिक और 6 परमाणु हमलावर पनडुब्बियों को बनाने की योजना बनाई गई है। भारतीय नौसेना की मौजूदा बेड़े में 16 पनडुब्बियां सेवा दे रही हैं और इनमें से आईएनएस चक्र रूस से लीज पर ली गई है।'
भारतीय नौसेना ने जो 6 परमाणु पनडुब्बियां (एसएसबीएन) विकसित करने की योजना बनाई है उनमें अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियां भी शामिल होंगीं। इन्हें निजी क्षेत्र के साथ मिलकर तैयार करने की योजना है।
फिलहाल भारत के पास जो पनडुब्बियां देश की रक्षा में सेवा दे रही हैं उनमें किलो क्लास, जर्मनी की एचडीडब्ल्यू क्लास और हाल ही में फ्रांस की मदद से तैयार हुईं स्कॉर्पीन क्लास की पारंपरिक पनडुब्बियां हैं।
इसके अलावा स्वदेशी आईएनएस अरिहंत और रूस से लीज पर ली गई आईएनएस चक्र परमाणु पनडुब्बियां भी ऑपरेशनल हैं।
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