- देश भर में कोरोना संक्रमित लोगों की तादाद 20 हजार के करीब
- महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित
- कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए 3 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन
नई दिल्ली। वो चुपके से तो नहीं आया, वो तबाही का सबूत दे रहा था, जो देश चूक गए उसका नतीजा भुगत रहे हैं, और उसके साथ ही उन देशों को भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है जो कहीं न कहीं वैश्विक रिश्तों से बंधे हुए हैं, भारत उनमें से एक है।भारत में अगर कोरोना संक्रमितों की बात करें तो यह आंकड़ा 20 हजार पर है, इसके साथ साथ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली ज्यादा प्रभावित हैं। लेकिन यहां कोरोना ने किस चाल से आगे का सफर तय किया है जो परेशानी की वजह बन चुका है उसे समझना भी जरूरी है।
ये है कोरोना वायरस की चाल
1 से 100 केस होने में पहले 44 दिन लगे, 100 से 1 हजार होने में 14 दिन लगे, 1 हजार से 10 हजार होने में 16 दिन लगे और 10 हजार से 20 हजार होने में 8 दिन लगे हैं। अब इन आंकड़ों की गहराई से समझने की जरूरत है। अगर वैश्विक हिसाब से तुलना करें तो कोरोना की रफ्तार उन देशों से कम है जहां यह वायरस तबाही मचा रहा है। अगर बात भारत की ही करें तो 130 करोड़ की आबादी वाले देश में यह संख्या नगण्य है। लेकिन कोरोना वायरस जिस अंदाज में खुद का प्रसार करता है तो वो चिंताजनक है।
लॉकडाउन का मिल रहा है फायदा
अगर 1 से 100 का आंकड़ा होने में 44 दिन यानि करीब डेढ़ महीना लगा तो 10 हजार से 20 हजार होने में आठ दिन ही लगे। इससे सवाल उठता है कि क्या हम तैयारी में चूक गए। इस सवाल का जवाब स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही दे चुका है, सरकार के मुताबिक अगर लॉकडाउन का फैसला पहले नहीं लिया गया होता तो तस्वीर कुछ और ही रहती। देश में कोरोना संक्रमित की संख्या आठ लाख से पार होती। अगर इस आंकड़े को देखें तो 24 घंटे से कम समय में कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी हो जाती।