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NeoCov: ओमिक्रॉन के बाद अब नए खतरनाक वायरस से मचा हडकंप, तीन में से एक मरीज की मौत!

Updated Jan 28, 2022 | 12:38 IST

NeoCov New Coronavirus: कोरोना वायरस के अभी तक कई वैरिएंट सामने आ चुके हैं। इस बीच दक्षिण अफ्रीका में एक ऐसा वायरस मिला है जो बेहद खतरनाक है। NeoCov नाम के इस वायरस से अगर संक्रमण हुआ तो तीन में से एक मरीज की मौत होगी।

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NeoCov: नए खतरनाक वायरस से मचा हडकंप, 3 में से 1 मरीज की मौत
मुख्य बातें
  • दक्षिण अफ्रीका में मिला नया नया कोरोना वैरिएंट NeoCov
  • चमगादड़ों के अंदर एक नया कोरोना वायरस 'NeoCov' मिलने से मचा हडकंप
  • संक्रमण शुरू हुआ तो तीन में से एक मरीज की होगी मौत

NeoCov New Covid Variant: ओमिक्रॉन भले ही तेजी से फैलने वाला हो, लेकिन COVID-19 की तुलना में कम घातक रहा। लेकिन अब वायरस का एक अधिक घातक वैरिएंट- NeoCov दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है। चीन के वुहान लैब के वैज्ञानिकों ने कथित तौर पर चेतावनी दी है कि NeoCov की मौत दर और संक्रमण की दर कहीं अधिक है। रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार, NeoCov वायरस MERS-CoV वायरस से जुड़ा है जिसे 2012-15 में मध्य-पूर्वी देशों में खोजा गया था।

NeoCov MERS बुखार के  समान

रूसी एजेंसी TASS के अनुसार, चीन में वैज्ञानिकों ने पाया कि दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोनावायरस का NeoCov संस्करण MERS बुखार के एक रिश्तेदार की तरह है जिसके लक्षण और प्रभाव SARS CoV-2 के समान हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीनी शोधकर्ताओं ने पाया है कि नियोकोव वायरस में मृत्यु दर बहुत अधिक है - 'हर तीन संक्रमित व्यक्तियों में से एक की मौत होगी'।

ये है राहत की बात

 राहत की बात यह है कि नया कोरोना वायरस अभी इंसानों में नहीं फैला है। रूसी स्टेट वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर ने एक बयान में कहा, 'वेक्टर अनुसंधान केंद्र चीनी शोधकर्ताओं द्वारा NeoCoV कोरोनावायरस पर प्राप्त आंकड़ों से अवगत है। दक्षिण अफ्रीका में अभी यह निओकोव वायरस चमगादड़ के अंदर देखा गया है और यह अभी केवल पशुओं में ही देखा गया है।

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ओमिक्रॉन कम घातक रहा

ध्यान देने वाली बात ये है कि COVID-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट का भी सबसे पहले अफ्रीका में पता चला था। हालांकि इसे शुरू में चिंता के एक प्रकार के रूप में देखा गया था, बाद में शोधकर्ताओं ने देखा है कि यह तेजी से फैल रहा है, ओमिक्रॉन में राहत की बात ये रही कि मरीज को अस्पताल में बहुत कम भर्ती होना पड़ा और मृत्यु दर भी कम रही  है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इस बात पर जोर दिया है कि बढ़े हुए टीकाकरण की वजह से ओमिक्रॉन से मृत्यु दर और अस्पताल में भर्ती होने में कमी आई है।

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