- आतंकी धमकियों से नहीं डरता, 50 बार बना निशाना
- हर दफा भगवान ने बचाई जान
- हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं
कांग्रेस से अलग होने के बाद गुलाम नबी आजाद जल्द ही राजनीतिक दल का ऐलान करने वाले हैं। जम्मू कश्मीर की राजनीति में इसे बड़ा ऐलान भी माना जा रहा है। अभी हाल ही में उन्होंने कहा था कि राज्य बहाली के बाद अगर वो सत्ता में आते हैं तो धारा 370 को वापस लाने का इरादा नहीं है। उनके इस बयान के बाद ही टीआरएफ(लश्कर से संबंधित) आतंकी संगठन की तरफ से धमकी आई। इस तरह की धमकी पर उन्होंने कहा कि इत तरह की धमकियां उनके लिए नई बात नहीं है। लेकिन राजनीतिक हल्कों में इस तरह की खबरें आईं कि गुलाम नबी आजाद ने गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। इस सिलसिले में उन्होंने कहा कि भगवान की सौगंध अजीत डोभाल से जिंदगी में कभी नहीं मिला।
अब तक 50 दफे बना निशाना
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्हें पंजाब और कश्मीर में 50 बार निशाना बनाया गया और भगवान ने उनकी जान बचाई। लेकिन अगर भगवान मेरी जान लेते हैं, तो वह इसे उस जीवन के साथ ले जाएंगे जो मैंने सिद्धांतों पर जिया है, झूठ या छल नहीं। उन्होंने युवाओं से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की और जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, सीमा पार कुछ ऐसे लोग हैं जो बंटवारे के ठीक बाद अपना देश नहीं बसा पाए हैं, लेकिन हमारे देश और जम्मू-कश्मीर को तबाह करने का संकल्प लिया है।
बंदूक उठाना रास्ता नहीं
उन्होंने कहा कि बंदूक उठाना कोई समाधान नहीं है। यह केवल आपके जीवन में, आपके परिवार और देश के लिए विनाश लाता है। महात्मा गांधी ने बंदूक या तलवार नहीं उठाई या अंग्रेजों को हराने के लिए मिसाइल नहीं चलाई। कोई भी मुस्लिम देश - अफगानिस्तान से इराक से फिलिस्तीन तक - बंदूकें लीं, उग्रवाद में ले लिया, नष्ट कर दिया गया।