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News ki pathshala: एंटीबायोटिक जान बचा रहा या ले रहा? सबसे जरूरी दवा पर सबसे जरूरी क्लास

Updated Nov 17, 2021 | 22:38 IST

News ki pathshala में पढ़ाया गया आपके शरीर में 'एंटी एलीमेंट' की एंट्री वाला चैप्टर। एंटीबायोटिक जान बचा रहा या ले रहा? सबसे जरूरी दवा पर सबसे जरूरी क्लास लगी।

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न्यूज की पाठशाला

न्यूज की पाठशाला में लगी हेल्थ की क्लास। आजकल हर जगह एंटी शब्द की चर्चा है, एंटी हिन्दू, एंटी नेशनल, एंटी पार्टी, एंटी सोशल। हेल्थ की क्लास में हम भी एक एंटी एलीमेंट लेकर आए हैं। ये आपके शरीर के अंदर मौजूद एंटी एलीमेंट हैं एंटीबायोटिक। बात हुई कि एंटीबायोटिक आपके लिए खतरा है या नहीं इस पर बात हुई। एंटीबायोटिक कब लेना चाहिए, कितनी लेनी चाहिए। क्यों लेनी चाहिए और क्यों नहीं लेनी चाहिए इस पर बात हुई। 

भारत में एंटीबायोटिक का उपयोग पिछले 10 साल में प्रति व्यक्ति 30% बढ़ा है। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन सेंट लुइस की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 1629 करोड़ एंटीबायोटिक बिकी। पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस यानी PLOS के मुताबिक, कोविड की पहली लहर जून 2020 से सितंबर 2020 तक 21.64 करोड़ डोज एक्स्ट्रा बिकी। 3.8 करोड़ डोज कोरोना के डर से खाई गई, एजिथ्रोमाइसिन सबसे ज्यादा बिकी।  

दुनिया में सबसे ज्यादा एंटीबायोटिक भारत में बिकती हैं। कोरोना के दौरान आपने भी हो सकता है एंटीबायोटिक खाई हो, किसी से पूछो यही कहता था कि एंटीबायोटिक ले लो। अरे भाई ले लो, लेकिन किसी डॉक्टर से तो पूछ लो। बिना पूछे ही लोगों ने धड़ल्ले से एंटीबायोटिक खाई, जबकि एंटीबायोटिक बिना डॉक्टर के पर्चे के आपको नहीं मिलेगी। एंटीबायोटिक शरीर में बैक्टीरिया फैलने से रोकती है। बैक्टीरिया के प्रजनन को रोकती है, उसे खत्म करती है। ज्यादा इस्तेमाल से फायदेमंद बैक्टीरिया को भी मार देती है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। एंटीबायोटिक दवाओं का असर कम होने लगता है।

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