पाठशाला में लगी पॉलिटिकल साइंस की क्लास और इसमें ममता बनर्जी की पॉलिटिक्स का चैप्टर खुला। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दो दिन से दिल्ली में हैं। वो आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली हैं। इसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल में बीएसएफ के दखल पर बात की और ये कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय होता है, इसलिए बीएसएफ को राज्य में ज्यादा ताकत देना सही नहीं है। लेकिन ममता बनर्जी का असली टारगेट 2024 की पॉलिटिक्स है, जिसमें वो नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष की अगुवाई करना चाहती हैं और इसीलिए वो देशभर से टीएमसी में नेताओं की भर्ती कर रही हैं और जहां जहां चुनाव हैं वहां नरेंद्र मोदी के विरोधियों को ताकत देने की बात कर रही हैं। यूपी के चुनाव में ममता बनर्जी ने अखिलेश यादव की मदद की बात की है। वो वाराणसी भी जाने वाली हैं
ममता बनर्जी 2024 की तैयारी कर रही हैं। वो विपक्ष की नेता बनने में जोर लगा रही हैं, लेकिन विपक्ष की नेता की सीट खाली नहीं है। इस पर सोनिया गांधी और कांग्रेस का कब्जा है। ममता बनर्जी को ये सीट तभी मिल सकती है जब वो कांग्रेस को रिप्लेस करेंगी। इसी के लिए ममता बनर्जी जोर लगा रही हैं। ममता बनर्जी की पॉलिटिक्स जिस स्पीड से चल रही है उसमें 2024 तक वो कांग्रेस का टेकओवर कर लेंगी और टीएमसी ही नई कांग्रेस बन जाएगी क्योंकि टीएमसी का भर्ती अभियान लगातार चल रहा है। भर्ती अभियान का टारगेट खासतौर पर कांग्रेस है। टीएमसी में कल तीन नए नेता शामिल हुए थे इनमें दो नेता, कीर्ति आजाद और अशोक तंवर कांग्रेस से हैं। एक नेता पवन वर्मा, वो जेडीयू से जुड़े रहे हैं।
ममता बनर्जी ने कांग्रेस का जीना मुश्किल कर दिया है। बंगाल चुनाव जीतने के बाद ममता बनर्जी देश भर में कांग्रेस का शिकार कर रही हैं और वो चुन चुन कर कांग्रेस के ऐसे नेताओं को अपनी टीम में लेकर आ रही हैं जो नेता एक वक्त पर प्रदेश कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे हैं और उनके संगठन में वर्षों काम किया है। जैसे हरियाणा में अशोक तंवर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष। यूपी में ललितेश पति त्रिपाठी, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष। गोवा में लुइजिन्हो फलेरियो, पूर्व मुख्यमंत्री। बिहार में कीर्ति आजाद, पूर्व सांसद। असम में सुष्मिता देव, महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष। बंगाल में अभिजीत मुखर्जी, पूर्व सांसद।
टीएमसी का प्लान
- त्रिपुरा और गोवा में चुनाव की तैयारी
- गोवा में कांग्रेस के विकल्प की तरह पेश
- 15 राज्यों में संगठन बनाने पर फोकस
- 2024 से पहले कांग्रेस को रिप्लेस करना
कांग्रेस इसी वजह से ममता बनर्जी से चिढ़ी है। अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि ED और CBI के डर से ममता बनर्जी पीएम मोदी के इशारे पर कांग्रेस को तोड़ रही हैं।