राजस्थान में अगर कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता है तो पैरों में कीलें ठोक दी जाती हैं। अगर कोई सरकारी योजनाओं में धांधली सामने लाता है तो पैरों में छह-छह सरिया आर-पार कर दी जाती हैं। अगर कोई टैक्सपेयर के पैसों की बर्बादी और हेराफेरी उजागर करता है तो पीट-पीट कर हाथ पैर तोड़ दिए जाते हैं। जो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठा रहा है, जो सरकारी योजनाओं में धांधली बता रहा है, जो हमारे आपके पैसे का हिसाब बता रहा है, तो ऐसे शख्स को इनाम मिलना चाहिए, मेडल मिलना चाहिए, सम्मान मिलना चाहिए, तो ऐसे शख्स को सुरक्षा मिलनी चाहिए, इनका हौसला बढ़ाना चाहिए, इनसे सीखना चाहिए। लेकिन राजस्थान, जहां कांग्रेस की सरकार है, उस राज्य में उल्टा ही चल रहा है। वहां भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को अधमरा कर दिया जाता है, सरकारी योजनाओं में धांधली बताने वालों की टांगे तोड़ दी जाती है।
बाड़मेर के आरटीआई कार्यकर्ता अमरा राम के साथ ऐसा ही हुआ है। इनके साथ जो हुआ, वो इतना खौफनाक है, कि आज के बाद राजस्थान में कोई धांधली के बारे में बात करने की भी हिम्मत नहीं करेगा। धांधली होती रहेगी, आंखें बंद कर लेंगे, कान बंद लेंगे, जु़बान बंद कर लेंगे। क्योंकि सबको जान प्यारी है। बाड़मेर के अमरा राम ने एफआईआर में जो बताया। उसके मुताबिक, वो 21 दिसंबर को जोधपुर से बाड़मेर अपने गांव लौटे थे। बस से उतरकर वो अपने घर जा रहे थे। अचानक एक स्कॉर्पियो गाड़ी आई। ये गाड़ी बिना नंबर की थी। काले शीशे चढ़े हुए थे। गाड़ी से 6 लोग उतरे और अमराराम को दौड़ा लिया। फिर इन लोगों ने कहा कि इस पर गाड़ी चढ़ा दो। इन लोगों ने इस आरटीआई कार्यकर्ता का मुंह बांध दिया। फिर उसे सुनसान जगह पर ले जाए। लोहे की सरिया से इसे पीटा। फिर इसके पैर में सरिया डाल दिया। पैरों में कीलें ठोंक दी। पेशाब पिला दिया।
आरटीआई कार्यकर्ता अमरा राम के पैरों में छह सरिया आर-पार की गईं। उनके पैरों में ठुकीं कीलें से भयानक घाव तस्वीरों में भी दिख रहे हैं। उनके खिलाफ हैवानियत की हदें पार की गईं। और ये सब इसलिए किया गया, क्योंकि उन्होंने गांव की पंचायत में भ्रष्टाचार को उजागर करने की हिम्मत दिखाई। उन्होंने अवैध शराब की बिक्री की शिकायत की थी, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रही धांधली की शिकायत की थी, उन्होंने मनरेगा में भ्रष्टाचार को उजागर किया था। इसी वजह से अमरा राम को मंगलवार की रात कुछ लोगों ने अगवा कर लिया। बेरहमी से पीटा और गांव के पास सड़क किनारे फेंक कर चले गए। गंभीर हालत में इस आरटीआई कार्यकर्ता को जोधपुर रेफर किया गया। बड़ी बात ये है कि अमराराम को पहले से धमकियां मिल रही थीं। पुलिस को भी इसकी जानकारी थी। इसके बावजूद उन पर जानलेवा हमला हुआ।अमरा राम ने खुद बताया, उनके साथ क्या हुआ था।
इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को हिरासत में लिया। घटना में इस्तेमाल 4 स्कॉर्पियों को जब्त किया, बीट कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया गया है, SHO को लाइन हाजिर कर दिया गया है। पुलिस ने मुताबिक शराब माफिया ने अमरा राम पर हमला किया। राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया है। राजस्थान के DGP, आबकारी विभाग के कमिश्नर, बाड़मेर के कलक्टर और एसपी को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है।
पीड़ित अमरा राम लगातार भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा था। इसके बावजूद उसे सुरक्षा नहीं दी गई। उसे मिलने वाली धमकियों को हल्के में लिया गया। सवाल ये है कि
- क्या राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह है?
- क्यों धमकियों के बावजूद RTI कार्यकर्ता को सुरक्षा नहीं दी गई?
- अपराधी इतने बेखौफ कैसे हो सकते हैं, क्या सत्ता का संरक्षण है?
- राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा इस हैवानियत पर खामोश क्यों हैं?