नई दिल्ली : निर्भया के गुनहगारों में से एक अक्षय सिंह की क्यूरेटिव याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी। फांसी की सजा से बचने के लिए उसने मंगलवार को शीर्ष अदालत में क्यूरेटिव पिटिशन दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को एक अन्य दोषी मुकेश सिंह की अंतिम अपील खारिज कर दी थी, जिसके बाद इस मामले में उसके सभी अधिकार समाप्त हो गए।
निर्भया गैंग रेप के दोषियों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय सिंह, पवन गुप्ता को इस मामले में भी फांसी की सजा सुनाई गई है और उनके लिए डेथ वारंट भी जारी हो चुका है। लेकिन दोषी एक-एक कर तमाम कानूनी दांवपेंच अपनाते हुए मामले को लटकाने की कोशिश कर रहे हैं और बचाव के लिए हर तरह के पैंतरे अपना रहे हैं।
मुकेश ने मंगलवार को सनसनीखेज दावा करते हुए यह भी कहा था कि तिहाड़ जेल में उसका यौन उत्पीड़न हुआ और उसे इस मामले के एक अन्य दोषी अक्षय के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। उसने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया।
निर्भया के गुनहगारों को फांसी देने के लिए अदालत ने 1 फरवरी सुबह 6 बजे का समय तय किया है। चारों दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं। जेल प्रशासन ने निर्भया के दोषियों को फांसी देने की तैयारी भी कर रखी है। उन्हें अलग-अलग सेल में रखा गया है और उन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।