- कोर्ट ने चारों दोषियों की सजा अनिश्चितकाल के लिए टाली, सजा के लिए मिलेगी नई डेट
- कोर्ट के फैसले पर निर्भया की मां ने जाहिर की निराशा, कहा-वोट बैंक के चलते नहीं हो रही फांसी
- एक फरवरी को दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने की थी तैयारी
नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी टल गई है। दिल्ली गैंगरेप के चारों दोषियों की फांसी एक फरवरी को नहीं होगी। कोर्ट ने उनकी फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। अब इन दोषियों को फांसी की सजा कब होगी, कोर्ट ने इस बारे में कोई तिथि नहीं बताई है। इससे पहले निचली अदालत ने चारों दोषियों पवन सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और अक्षय को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया था।
कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां आशा देवी ने सवाल उठाते हुए कहा कि अदालत को फैसला यदि शाम को देना था तो हमें शाम तक कोर्ट में बिठाया क्यों गया। उन्होंने कहा, 'जो मुजरिम चाहता है वही होता है। दोषियों के वकील एपी सिंह चैलेंज करके गया कि दोषियों को फांसी कभी नहीं होगी। कोर्ट के फैसले से मुझे उतना दुख नहीं पहुंचा जितना कि एपी सिंह की चुनौती से। एपी सिंह ने कहा कि दोषियों को फांसी अनिश्चितकाल तक नहीं होगी।'
चारों दोषियों को फांसी ऐसे समय टली है जब दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए मेरठ से पवन जल्लाद तिहाड़ जेल पहुंच चुका है। कोर्ट के इस फैसले पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, 'इस तरह के जघन्य अपराध के दोषियों की सजा में देरी क्यों हो जा रही है, इस पर चर्चा करने की जरूरत है।'
बता दें कि चारों दोषियों की फांसी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट मुहर लगा चुका है। निचली अदालत ने उनकी फांसी की सजा के लिए डेथ वारंट भी जारी कर चुकी है लेकिन डेथ वारंट जारी होने के बाद से दोषी अपनी सजा में देरी के लिए लगातार कानूनी उपचार का दुरुपयोग कर रहे हैं। सजा टालने के लिए उनकी तरफ से दया याचिका, क्यूरेटिव अर्जी और समीक्षा याचिका दायर की जाती रही है।
तिहाड़ जेल में चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए जेल में फांसी का डमी ट्रायल भी कर लिया था लेकिन कोर्ट ने इस सजा को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। दोषियों को फांसी कब दी जाएगी इस बारे में अब कोर्ट नई तारीख बताएगा। निर्भया की दोषियों की सजा पर देरी के लिए राजनीति को जिम्मेदार ठहराया। मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा, 'हमारे देश में बलात्कारियों को फांसी नहीं होती बल्कि उन्हें पाला जाता है। वोट बैंक की राजनीति के लिए दोषियों की फांसी टाली जा रही है।'