- तिहाड़ जेल में चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह दी जानी है फांसी
- तिहाड़ जेल ने पूरी की तैयारी, मेरठ से पवन जल्लाद जेल पहुंच गया है
- सजा टलवाने के लिए दोषियों के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में दायर की है अर्जी
नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटकाया जाना है। तिहाड़ जेल प्रशासन इन चारों दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर चुका है। मेरठ से पवन जल्लाद भी पहुंच चुका है और फांसी के ट्रायल को भी अंजाम दिया जा चुका है लेकिन इस सजा से चारों को बचाने के लिए दोषियों के वकील की तरफ से एक बार फिर दांव चला गया है।
चारों दोषियों के वकील एपी सिंह ने बुधवार को पटियाला हाउस का दरवाजा एक बार फिर खटखटाया। एपी सिंह ने कोर्ट से दोषियों के खिलाफ जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की है। सिंह ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने दोषी पवन गुप्ता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका और अक्षय सिंह की तरफ से दया याचिका दायर की है। पवन गुप्ता की ओर से दायर क्यूरेटिव याचिका में दावा किया गया है कि घटना के वक्त वह नाबालिग था।
इस बीच, दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर ने मंगलवार को राष्ट्रपति के पास दूसरी बार दया याचिका दायर की। अक्षय की पहली दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है। वहीं, तिहाड़ जेल के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने की अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
एपी सिंह की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, 'आप हमेशा अंतिम समय पर आते हैं।' न्यायाधीश ने तिहाड़ जेल से रिपोर्ट भी मांगी है। अदालत गुरुवार को 12 बजे एपी सिंह की अर्जियों पर सुनवाई करेगी। बता दें कि दिल्ली की निचली अदालत ने गत पांच मार्च को चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए नए सिरे से डेथ वारंट जारी किया।
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के मुनरिका में पैरा-मेडिकल की एक छात्रा ने छह लोगों ने गैंगरेप किया। मेडिकल छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के दौरान उसके साथ वहशीपन के साथ पेश आया गया और उसे यातनाएं दी गईं। बाद में लड़की ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इन छह दोषियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली जबकि एक दोषी नाबालिग था। नाबालिक तीन साल की सजा काटकर रिहा हो चुका है।