- निर्भया गैंगरेप के एक आरोपी की दया याचिका दिल्ली सरकार ने की खारिज
- निर्भया की मां ने दिल्ली सरकार के इस फैसले का किया स्वागत
- हैदराबाद गैंगरेप व हत्याकांड ने ताजा किए आशा देवी के पुराने जख्म
- 2012 के हुए निर्भया गैंगरेप व हत्या के इस जघन्य अपराध के लिए 7 साल से है न्याय की तलाश
नई दिल्ली : साल 2012 के दिल्ली निर्भया रेप व हत्याकांड मामले में एक दोषी की दया याचिका को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया। करीब 7 सालों से अपनी बेटी के लिए न्याय की तलाश में दर-दर भटकती मां आशा देवी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। आशा देवी ने सोमवार को दिल्ली सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि मैं इस जघन्य वारदात के एक दोषी की दया याचिका को खारिज करने के दिल्ली सरकार के फैसले का स्वागत करती हूं। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही दोषी को फांसी की सजा होगी। 2012 में देश को दहलाने वाले निर्भया रेप केस मामले में केजरीवाल सरकार ने विनय शर्मा नाम के शख्स की दया याचिका को खारिज कर दिया है।
चलती बस में गैंगरेप और हत्या की वारदात में शामिल चार लोगों में से ही एक का नाम विनय शर्मा है। दिल्ली सरकार ने इसकी दया याचिका खारिज करने के फैसले को लेकर एलजी को लिखा- 'यह बेहद क्रूर और सबसे जघन्य अपराध है, जहां अपीलकर्ता को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की जरूरत है ताकि उन लोगों को संदेश दिया जा सके जो इस तरह के अत्याचारी अपराध करते हैं।'
हैदराबाद रेप व हत्या मामले के बाद ताजा हुए जख्म
बता दें कि हैदराबाद में महिला के साथ रेप व हत्या की खबर पर निर्भया की मां ने बताया कि ये उन्हें 2012 की याद दिलाता है जब उनकी बेटी के साथ भी कुछ ऐसा ही वहशीपना किया गया था। हैदराबाद मामले ने एक बार निर्भया की मां के गहरे जख्म ताजा कर दिए हैं। गौरतलब है कि हैदराबाद के इस रेप व हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।