- फांसी पर लटकने से पहले चारों दोषियों को पहनने के लिए दिए गए काले कपड़े
- निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार को हुई थी फांसी
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा- गर्दन टूटने की वजह से हुई मौत
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को शुक्रवार सुबह फांसी दी गई। फांसी के साथ ही उस खौफनाक चैप्टर का अंत हो गया जिसने करीब सात साल पहले पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। निर्भया गैंगरेप केमामले के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया था और मामला संसद तक पहुंचा था। इस वीभत्स घटना के बाद बलात्कार के अपराध से निपटने के लिए और अधिक कठोर कानून भी बनाये गये।
पूजा करने के लिए बोला
चारों दोषी रात भर सो नहीं सके। सुबह जब उन्हें खाने के लिए पूछा गया तो उन्होंने मना कर दिया। चारों को काले कपड़े दिए गए जो उन्होंने पहन लिए। जेल स्टाफ ने कहा जिस भी भगवान को आप मानते हो उसे अंतिम बार याद कर लो। इसके बाद जैसे ही पूजा खत्म हुई डॉक्टरों ने सभी की जांच की। चारों दोषियों को फांसी का ऑर्डर सुनाया गया और फिर कुछ देर अकेला छोड़ दिया गया।
एक ही झटके में निकले प्राण
फांसी पर लटकने से पहले माना जा रहा था कि लटकते समय ये तड़पेंगे या छटपटाएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एक ही झटके में चारों के प्राण निकल गए। फांसी के 35 मिनट बाद तक इन शवों को लटकाकर रखा गया जो जेल मैनुएल के हिसाब से पांच मिनट ज्यादा था। इसके बाद सभी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया ।
लोगों ने की नारेबाजी
शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे जैसे ही तिहाड़ जेल नंबर-3 स्थित फांसी घर में चारों मुजरिमों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया तो तिहाड़ जेल के बाहर एकत्र हुए सैकड़ों लोगों ने तिरंगा लहराते हुए नारे बाजी की। ये लोग ‘निर्भया अमर रहे’, ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे और कुछ लोगों ने तो मिठाइयां भी बांटी। फांसी के बाद सभी के शवों का का पांच डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया जिसमें चार घंटे से ज्यादा का समय लगा।
प्रोफेशनल जल्लाद की वजह से हुआ ऐसा
डॉक्टरों के पैनल के चेयरमैन और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में फॉरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ.बी.एन.मिश्रा ने पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया पूरी होने के बाद आईएएनएस से कहा, 'फिलहाल अभी इस पर कुछ बोलना जल्दबाजी होगी। फिर भी पहली नजर में पोस्टमॉर्टम के दौरान यह साफ हो चुका है कि चारों की मृत्यु गर्दन की हड्डी टूटने से हुई है। ऐसा तभी होता है, जब किसी को कोई प्रोफेशनल जल्लाद गले में फंदा लटका कर मारता या फिर टांगता है। हड्डी टूटने के बाद काफी देर तक चारों के दिल की धड़कन भी बनी रही।'