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पुष्कर धामी के सामने निर्मला गहतोड़ी, शराब आंदोलन से आईं थी चर्चा में

Updated May 06, 2022 | 20:37 IST

Uttarkahand By Election: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सामने कांग्रेस ने निर्मला गहतोड़ी को मैदान में उतार दिया है। जहां तक चंपावत सीट के राजनैतिक इतिहास की बात है तो यहां पर किसी एक दल का प्रभुत्व कभी नहीं रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
31 मई को है उप चुनाव
मुख्य बातें
  • चंपावत सीट पर भाजपा के कैलाश गहतोड़ी ने जीत हासिल की थी, उन्होंने 21 अप्रैल को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
  • पुष्कर धामी को खटीमा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी ने 6 हजार वोटों से हराया था।
  • उत्तराखंड की चंपावत सीट पर 31 मई को वोटिंग होगी।

Uttarkahand By Election: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सामने कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतार दिया है। उनके सामने कांग्रेस ने तेज-तर्रार महिला नेता निर्मला गहतोड़ी उम्मीदवार होंगी। चंपावत से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के लिए इन चुनावों में जीत हासिल करना बेहद जरूरी है। क्योंकि वह खटीमा सीट से वह चुनाव हार गए थे। ऐसे में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें 6 महीने के अंदर चुनाव जीतना जरूरी है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीटों पर जीत हासिल कर दोबारा सरकार बनाने का इतिहास रचा था, लेकिन पार्टी का नेतृत्व करने वाले धामी अपनी सीट नहीं जीत पाए थे। जिसकी वजह से अब 31 मई को उप चुनाव होने वाले हैं।

कौन हैं निर्मला गहतोड़ी

निर्मला गहतोड़ी की उम्मीदवारी का ऐलान शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के तरफ से किया गया है। ब्राह्मण जाति से आने वाली निर्माल करीब तीन दशक पहले शराब-विरोधी आंदोलन से सुर्खियों में आई थीं। उन्हें पूर्व की कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था। इसके अलावा वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य रह चुकी हैं। उत्तराखंड की चंपावत सीट पर 31 मई को वोटिंग होगी। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में चंपावत सीट पर भाजपा के उम्मीदवार कैलाश गहतोड़ी ने जीत हासिल की थी। लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री के उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने के लिए 21 अप्रैल को चंपावत सीट से त्यागपत्र दे दिया था।

धामी के लिए बेहद अहम चुनाव

वैसे तो उत्तराखंड में भाजपा सरकार पर इस उप चुनाव से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। लेकिन खुद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के लिए यह चुनाव बेहद अहम है। धामी को खटीमा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी ने 6 हजार वोटों से हराया था। ऐसे में उनका चुनाव जीतना बेहद अहम है। जहां तक चंपावत सीट के राजनैतिक इतिहास की बात है तो यहां पर किसी एक दल का प्रभुत्व कभी नहीं रहा है। 2002 में कांग्रेस , 2007 में भाजपा और फिर 2012 में कांग्रेस और उसके बाद 2017 और 2022 में भाजपा ने जीत हासिल की थी। 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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