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'बाबरी मस्जिद विध्वंस केस को बंद कर देना चाहिए, अब कोई विवाद नहीं बचा'

Updated Sep 18, 2020 | 19:58 IST

Ayodhya Samachar: अयोध्या केस में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा, 'बाबरी मस्जिद का विध्वंस 28 साल पहले हुआ। इस मामले के कुछ आरोपी जीवित हैं जबकि कुछ की मौत हो चुकी है। इस मामले में लंबी सुनवाई चली।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
इकबाल अंसारी ने कहा है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस केस को बंद कर देना चाहिए, अब कोई विवाद नहीं।
मुख्य बातें
  • अयोध्या केस में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने दिया बड़ा बयान
  • अंसारी ने कहा कि हिंदू और मुसलमानों के बीच अब विवाद नहीं है
  • बाबरी विध्वंस के 28 साल बीत गए हैं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ चुका है

अयोध्या (उत्तर प्रदेश) : अयोध्या केस में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने शुक्रवार को कहा कि हिंदू और मुसलमानों के बीच अब कोई विवाद नहीं बचा है इसलिए बाबरी मस्जिद विध्वंस केस को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का आदेश देकर बाबरी मस्जिद का विवाद समाप्त कर दिया है। अंसारी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला गत नौ नवंबर को सुना दिया। राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। हिंदू और मुसलमानों के बीच अब कोई विवाद नहीं बचा है। यह बात नौ नवंबर के फैसले से साबित हो गया है।'

अंसारी ने कहा-केस अब बंद कर देना चाहिए
अंसारी ने कहा, 'बाबरी मस्जिद का विध्वंस 28 साल पहले हुआ। इस मामले के कुछ आरोपी जीवित हैं जबकि कुछ की मौत हो चुकी है। इस मामले में लंबी सुनवाई चली। हमने कोर्ट से इस मामले को बंद करने का अनुरोध किया था क्योंकि बहुत ज्यादा समय बीत गया है। बाबरी विध्वंस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सक्षी साक्ष्य एवं दलीलें कोर्ट के पास हैं इसलिए इस केस को अब बंद कर देना चाहिए।'

30 सितंबर को फैसला सुनाएगी सीबीआई की अदालत
विध्वंस मामले की सुनवाई करने वाली सीबीआई की विशेष अदालत आगामी 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाने वाली है। जांच एजेंसी के विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने फैसले के दिन पूर्व डिप्टी प्रधानमंत्री एलके आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा नेता एमएम जोशी, उमा भारती और विनय कटियार सहित सभी 32 आरोपियों को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।

अदालत ने खारिज कीं दो अर्जियां 
पिछले महीने कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के दो गवाहों हाजी महमूद अहमद और सैयद अखलाक की अर्जियां खारिज कर दीं। इन दोनों ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लिखित जवाब दाखिल करने की अनुमति मांगी थी। इनका कहना है कि वे इस मामले में पीड़ित नहीं हैं। इस मामले में सीबीआई 400 पन्नों की दलीलें पहले ही दायर कर चुकी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने विशेष न्यायाधीश यादव को 30 सितंबर तक अपना फैसला सुनाने का आदेश दिया है।    

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