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Noida: 20 दिन भर्ती रहा कोरोना मरीज, हुई मौत, अस्पताल ने परिवार को थमाया 14 लाख का बिल

Updated Jul 01, 2020 | 15:51 IST

Noida Private Hospital: नोएडा के एक प्राइवेट अस्पताल में कोविड-19 पीड़ित 20 दिन भर्ती रहता है। 15 दिन वो वेंटिलेटर पर रहा। बाद में शख्स का निधन हो गया। अस्पताल ने पीड़ित के परिवार को 14 लाख का बिल दिया।

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कोरोना पीड़त एक डॉक्टर था
मुख्य बातें
  • कोरोना रोगी 20 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा
  • 15 दिन वेंटिलेटर पर रहा, आखिर में पीड़ित की मौत हो गई
  • अस्पताल ने परिवार को 14 लाख का बिल थमा दिया

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के नोएडा के प्राइवेट अस्पतालों में कोविड-19 के  इलाज के लिए बिलों को लेकर स्पष्टता नहीं है। इसी के चलते एक मामला सामने आया है, जिसमें बिल बहुत ज्यादा ऊपर चला गया। दरअसल, एक निजी अस्पताल ने 20 दिनों के लिए भर्ती हुए कोविड़ पीड़ित के परिजनों को 14 लाख रुपए से अधिक का बिल थमा दिया। गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन ने कहा है कि वह इस मामले को देखेगा।

अस्पताल के अधिकारियों और पीड़ित के करीबी रिश्तेदारों के मुताबिक, नोएडा निवासी और यूनानी चिकित्सक को 7 जून को फोर्टिस अस्पताल, नोएडा में भर्ती कराया गया था और उन्हें 15 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया। रविवार यानी 28 जून को उनका निधन हो गया। 'हिंदुस्तान टाइम्स' की खबर के मुताबिक अस्पताल ने पीड़ित परिवार को 14 लाख रुपए से अधिक का बिल दिया, जिसे बाद में बीमा के बाद संशोधित कर 10.2 लाख रुपए कर दिया गया। बीमा 4 लाख रुपए का था, जबकि परिवार ने 25,000 रुपए का भुगतान किया।

'बिलिंग प्रक्रिया में कोई विसंगति नहीं'

हालांकि, फोर्टिस अस्पताल ने एक बयान में कहा कि बिल पारदर्शी, रियायती और सरकार के साथ एमओयू के अनुसार सीजीएचएस (केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना) टैरिफ पर आधारित था। रोगी के परिवार को हर कदम पर उपचार के विवरण के बारे में बताया गया और रोगी की गंभीर हालत के बारे में भी परामर्श दिया गया। विवरण सीएमओ कार्यालय को भी प्रस्तुत किया गया है। हमारी पारदर्शी बिलिंग प्रक्रिया ने यह सुनिश्चित किया कि उपचार के दौरान होने वाले खर्चों के बारे में रोगी के परिवार को सूचित रखा जाए। इस मामले में बिलिंग प्रक्रिया में कोई विसंगति नहीं है। 

जिला प्रशासन देख रहा मामला

इस बीच, जिला प्रशासन ने कहा कि निजी अस्पताल की फीस 'सेल्फ रेगुलेशन' पर आधारित है। गौतमबुद्धनगर के जिला मजिस्ट्रेट सुहास एलवाई ने कहा, 'हम मामले को देख रहे हैं। स्वास्थ्य टीम को इस मामले को देखने के लिए कहा गया है।' उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल स्व-नियमन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के आधार पर चार्ज कर रहे हैं। बिल की अधिकतम या ऊपरी सीमा पर विभिन्न सरकारी परामर्श हैं। ICU के लिए, जो अधिकतम राशि ली जा सकती है, वह 10,000 रुपए है, जबकि वेंटिलेटर के लिए यह 5,000 रुपए प्रतिदिन अतिरिक्त है। दवाएं आदि जैसे अन्य शुल्क शामिल नहीं हैं।

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