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सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले 19 साल के आफताब हुसैन ने कहा-जगन्नाथ रथ यात्रा से ही ओडिशा की पहचान है

Updated Jun 22, 2020 | 23:13 IST

Aftab Hossen, Puri Jagannath Rath Yatra: ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले आफताब हुसैन ने कहा कि रथ यात्रा की वजह से ओडिशा प्रसिद्ध है।

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सुप्रीम कोर्ट से मिली जगन्नाथ रथ यात्रा को अनुमति
मुख्य बातें
  • सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी शर्तों के साथ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के आयोजन की अनुमति दी है
  • प्रत्येक रथ को 500 से ज्यादा लोग नहीं खींचेंगे और ऐसा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोविड-19 संक्रमण की जांच होगी
  • रथ खींचने में शामिल व्यक्ति रथ खींचने से पहले, इस दौरान और बाद में भी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करेंगे।

नई दिल्ली: ओडिशा के पुरी में हर साल निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिल गई है। मंगलवार से रथ यात्रा शुरू होगी और इसमें जनता की भागीदारी नहीं होगी। इस साल कड़ी शर्तों के साथ ये रथ यात्रा निकलेगी। शीर्ष अदालत ने अपने 18 जून के आदेश में संशोधन कर रथ यात्रा को अनुमति दी है। रथ यात्रा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले आफताब हुसैन ने फैसले के बाद TIMES NOW से खास बातचीत की है। 

आफताब ने कहा, 'ओडिशा भगवान जगन्नाथ के कारण ही दुनिया भर में प्रसिद्ध है। अगर उनकी रथ यात्रा नहीं होगी तो हमारी मान हानि होगी। जगन्नाथ हमारे घर के सदस्य जैसे हैं। अगर उन्हें दुख होगा तो हमें भी दुख होगा। ऐसा न हो इसलिए मैंने याचिका दायर की।' 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने कहा कि फैसला सुनाए जाने के बाद मैं अभिभूत था। मेरे पैर से जमीन खिसक गई। मेरी भावना को मैं प्रकट नहीं कर सकता। जो भी करते हैं वो (जगन्नाथ) करते हैं, मैंने कुछ नहीं किया। हुसैन ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा पुरी रथ यात्रा को रोकने की साजिश थी। सरकार उन लोगों को ढूंढकर सजा दे। 

जब उनसे पूछा गया कि मुस्लिम समुदाय का एक वर्ग कहता रहा है कि लॉकडाउन में ईद मनाने की अनुमति नहीं मिली लेकिन अब हिंदुओं को रथ यात्रा के लिए अनुमति दी जा रही है। यह पक्षपात है। आपने इस बारे में क्या कहेंगे? तो हुसैन ने कहा कि ओडिशा रथ यात्रा के लिए जाना जाता है। ओडिशा ईद के लिए नहीं जाना जाता। ओडिशा का गण पर्व रथ यात्रा है, ईद नहीं। आफताव ने कहा कि मानवता ही एकमात्र धर्म है। 

कौन है आफताब हुसैन

ओडिशा के नयागढ़ जिले के 19 साल के मुस्लिम छात्र आफताब हुसैन उन 21 व्यक्तियों और संगठनों में शामिल हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट से ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा को रोकने के आदेश को वापस लेने की मांग की। कोर्ट ने कोरोनो वायरस महामारी के कारण इस साल रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। आफताब बीए इकोनॉमिक्स के अंतिम वर्ष के छात्र हैं। 

भगवान जगन्नाथ के भक्त हैं हुसैन

हुसैन ने अपने अधिवक्ता पी के महापात्र के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी। हुसैन ने कहा कि उनके दादा ने 1960 में इटामती में एक त्रिनाथ (ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर) मंदिर का निर्माण किया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने भगवान जगन्नाथ पर कई किताबें भी पढ़ी हैं। हुसैन के पिता इमदाद हुसैन, मां रशीदा बेगम और छोटे भाई अनमोल ने उन्हें कभी भी जगन्नाथ की मूर्ति की पूजा करने से नहीं रोका। हालांकि, हुसैन ने कहा कि उन्होंने पुरी में 12वीं शताब्दी के मंदिर का दौरा नहीं किया है क्योंकि वह एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुए हैं। पुरी में केवल हिंदुओं को ही श्री जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति है।

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