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Sawal Public Ka: भ्रष्टाचार का खुला खेल, ममता के कितने मंत्री जाएंगे जेल ? करप्शन का खुला खेल किसकी जवाबदेही!

Updated Jul 25, 2022 | 23:06 IST

पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) की आज कोलकाता की एक स्पेशल कोर्ट में पेशी हुई, Times Now Navbharat के कैमरे पर अर्पिता ने कहा - 'कानून पर पूरा भरोसा है।' वहीं उनके घर से बरामद 20 करोड़ कैश से जुड़े सवाल पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

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आज बंगाल का काला चिट्ठा खुलेगा । लेकिन उससे पहले मैं एक तस्वीर आपको दिखाना चाहती हूं । ये पार्थ चटर्जी हैं । ईडी की गिरफ्त में हैं । और इस दौरान उन्हें सीने की दर्द की शिकायत हुई । तस्वीरें देखिए...वो बार-बार अपने सीने पर हाथ रखकर इशारा कर रहे हैं । पत्रकारों को बता रहे हैं कि उन्हें तकलीफ है। लेकिन AIIMS भुवनेश्वर की टीम ने जब जांच की और उसकी रिपोर्ट आई तो पता चला पार्थ चटर्जी को कोई खतरा नहीं । और AIIMS भुवनेश्वर की टीम ने तब जांच किया जब HC ने ऐसा करने का निर्देश दिया । नहीं तो उससे पहले वो कोलकाता के SSKM अस्पताल में भर्ती हो गए थे। बाद में AIIMS भुवनेश्वर की टीम ने पार्थ चटर्जी के बीमार होने की बात गलत पाई । 

बंगाल में इतना कुछ हो रहा था और मुख्यमंत्री को पता नहीं था । वो भी ममता बनर्जी जैसी मुख्यमंत्री को । ये बात किसी आम आदमी को हजम नहीं हो रही ।  फिलहाल कुछ और FACT देखिए । ये पार्ट टचर्जी का अरेस्ट मेमों है । जिसमें ये साफ-साफ लिखा है कि पार्थ ने 4 बार सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करने की कोशिश की । मेरे पास वो पेपर हैं । इसमें टाइमिंग हैं । पार्थ करते रहे लेकिन ममता ने फोन नहीं उठाया । सवाल ये है कि पार्थ पकड़े जाने पर ममता बनर्जी से क्या बात करना चाहते थे ? ममता ने क्यों नहीं पार्थ चटर्जी से बात की..वो ये कह सकती थी कि पार्थ जांच एजेंसी को सहयोग कीजिए । कानून पर विश्वास रखें..अगर आप निर्दोष होंगे तो इज्जत के साथ रिहा होंगे । लेकिन फिलहाल सबूत ये कहते हैं कि दीदी ने फोन नहीं उठाया । 

पश्चिम बंगाल SSC भर्ती घोटाला: पार्थ चटर्जी ने नौकरियां बेचकर बहुत कमाया, ED की रिमांड कॉपी से खुलासा

फिलहाल सवाल ममता बनर्जी के नेतृत्व, एक मुख्यमंत्री के तौर पर सरकार और अपने मंत्रियों पर उनकी पकड़ को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं ? ये सवाल इसलिए भी तीखे हो जाते हैं..क्योंकि ममता बनर्जी का अंदाज और उनकी राजनीति लोगों को चौंकाती रही है । 

कभी वो भीड़ के बीच फुटबाल उछालती हैं । कभी अपनी सादगी से अपने समर्थकों के दिल में उतर जाती हैं । हवाई चप्पल पहनती हैं। बेहद छोटे से घर में रहती हैं। जूझारू हैं । बंगाल की जनता से सीधे संवाद करती हैं । कुल मिलाकर उनकी राजनीति की सबसे बड़ी ताकत उनकी सादगी और उनका जुझारुपन ही है। तो फिर उनके मंत्री के करीबी के घर से इतने पैसे मिलने का सच क्या है ? 

जबकि ममता बनर्जी कहती हैं कि वो भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति रखती हैं...। फिर ये कैसी जीरो टॉलरेंस नीति है । ममता का आज का बयान सुन लीजिए ग्राफिक्स के जरिए कुछ और बातें आपके सामने रख रही हूं । कैसे ममता बनर्जी एक तरफ भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति रखने का दावा कर रही हैं..वहीं उनकी नाक के नीचे एक के बाद एक घोटालों के आरोप लगते रहे हैं। 

1300 करोड़ का कोयला घोटाला
20 हजार करोड़ का पशु तस्करी घोटाला
2500 करोड़ का शारदा चिटफंड घोटाला
464 करोड़ रोज वैली चिटफंड घोटाला 
और अब शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आया है 

आज बंगाल की हालत जो भी है उस पर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा था..उसे आज के संदर्भ में जरूर सुना जाना चाहिए । ये बयान पिछली बार बंगाल चुनाव के दौरान के हैं । 

अब जो सवाल पब्लिक का है-

सवाल नंबर 1 
पश्चिम बंगाल में करप्शन का खुला खेल किसकी जवाबदेही है? 

सवाल नंबर 2 
क्या ममता बनर्जी अपने मंत्रियों पर लगे करप्शन के आरोप से किनारा कर सकती हैं ? 

सवाल नंबर 3 
क्या जांच एजेंसियों पर आरोप लगाकर TMC अपने आप को बचा पाएगी ? 

सवाल नंबर 4 
क्या ममता का मोदी पर राजनीतिक बदले का आरोप अब खोखला हो गया है ? 

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