नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस से स्थिति खराब है। इसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने बताया कि कोरोना की दूसरी वेव तूफान बनकर आ गई है। जो पीड़ा आपने सही है, जो पीड़ा आप सह रहे हैं, उसका मुझे एहसास है। उन्होंने बताया कि सरकार किस तरह अपनी तरफ से इस स्थिति से उभरने के लिए प्रयास कर रही है। पीएम मोदी ने लॉकडाउन को अंतिम विकल्प बताया। हालांकि उनके संबोधन पर विपक्ष की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है।
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने कहा कि क्षमा कीजिये। देश को 'भाषण' की नही, 'ऑक्सीजन' की जरूरत है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आज रात 8.45 बजे के ज्ञान का सार -: “मेरे बस का कुछ नही, यात्री अपने सामान यानी जान की रक्षा स्वयं करें।”
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, 'पीएम मोदी के संबोधन को उस स्वीकार्यता के रूप में देखा जा सकता है कि कोरोना की पहली लहर के खिलाफ केंद्रीकृत प्रतिक्रिया थी, जिसमें राष्ट्रीय लॉकडाउन भी था, जिसने काम नहीं किया। दूसरी लहर पर प्रतिक्रिया अब एक राज्य की समस्या है जिसे मौहल्ला समितियों के लिए विकेंद्रीकृत किया गया है। एक साल में कितने अंतर आ जाते हैं।'
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा, 'पीएम ने कहा है कि लॉकडाउन राज्यों के लिए अंतिम विकल्प होना चाहिए। लेकिन देश की विभिन्न अदालतों ने तालाबंदी के निर्देश दिए हैं। लोगों को उम्मीद थी कि प्रवासी श्रमिकों, गरीबों, छोटे व्यापारियों के लिए पीएम द्वारा एक राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।'
छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि मैं उम्मीद कर रहा था कि पीएम अपने संबोधन में हर नागरिक के लिए नि:शुल्क वैक्सीन की घोषणा करेंगे। पीएम ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि टीका उत्पादन क्षमता को कितना बढ़ाया जाएगा और इसके बाद राज्यों को दिए जाने वाले टीकों की संख्या में कितनी वृद्धि होगी।