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प्रधानमंत्री मोदी की ओर से राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करने पर ओवैसी का हमला, कहा- पीएम ने सभी संवैधानिक मानदंडों का किया उल्लंघन

दीपक पोखरिया | Senior Correspondent
Updated Jul 11, 2022 | 17:22 IST

Ashoka Pillar: नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया। इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है।

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मुख्य बातें
  • पीएम मोदी की ओर से राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करने पर ओवैसी का हमला
  • पीएम ने सभी संवैधानिक मानदंडों का किया उल्लंघन- ओवैसी
  • पीएम मोदी को राष्ट्रीय प्रतीक का नहीं करना चाहिए था अनावरण- ओवैसी

Ashoka Pillar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण किया। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपाध्यक्ष हरिवंश नारायण सिंह और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजदू रहे। कांस्य का बना ये प्रतीक 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। इसे नए संसद भवन के टॉप पर बनाया गया है और राष्ट्रीय प्रतीक को सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम स्टील की एक संरचना का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान संसद भवन के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से भी बातचीत भी की।

राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करने पर पीएम मोदी का ओवैसी का हमला 

Ashoka Pillar : नए संसद भवन पर विशाल अशोक स्तंभ का PM मोदी ने किया अनावरण

पीएम ने सभी संवैधानिक मानदंडों का किया उल्लंघन- ओवैसी 

वहीं एआईआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण करने पर निशाना साधा है। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि संविधान संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है। सरकार के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था। लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता है जो सरकार के अधीनस्थ नहीं है। प्रधानमंत्री ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है। 

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नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया। इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है। बताया जा रहा है कि नया संसद भवन शीतकालीन सत्र के दौरान बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा।

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