- कोरोना संकट में केवल भारतीयों के लिए ही नहीं बल्कि भारत में फंसे यूरोपीय नागरिकों के लिए देवदूत बनी एयर इंडिया
- एयर इंडिया की पाकिस्तान के एक एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) ने जमकर की प्रशंसा
- एयर इंडिया के सीनियर पायलट ने बताया पूरा वाकया
नई दिल्ली: कोरोना के इस संकटकाल में कुछ लोग और संस्थाएं ऐसी हैं जिनके लिए कोई वर्क फ्रॉर्म होम नहीं है बल्कि उनकी जिम्मेदारियां और बढ़ गई हैं। ये लोग और संस्थाएं बगैर किसी स्वार्थ के खुद को दांव पर लगाकर लोगों की मदद कर रहे हैं। ऐसा ही एक नाम है देश की प्रमुख विमान कंपनी एयर इंडिया का। एयर इंडिया ने इस संकटकाल में हजारों लोगों को वहां से रेस्क्यू किया है जहां अन्य देश भी अपनी विमान सेवा भेजने में संकोच महसूस कर रहे हैं। एयर इंडिया के इसी जज्बे को पाकिस्तान ने सलाम किया है।
पाकिस्तानी एटीसी ने की तारीफ
पाकिस्तान के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर(एटीसी) ने संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद के लिए एयर इंडिया की जमकर तारीफ की है। इस संकट की घड़ी में एयर इंडिया भारत से फ्रैंकफर्ट के लिए राहत सामग्री के साथ विशेष उड़ानों का संचालन कर रही है और उन यूरोपीय नागरिकों को भी ले जा रही है जो लॉकडाउन के कारण भारत में फंसे हुए थे।
पायलट ने बताया पूरा वाकया
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एयर इंडिया के सीनियर कैप्टन ने कहा, 'मेरे लिए और साथ ही पूरे एयर इंडिया चालक दल के लिए यह बहुत गर्व का क्षण था जब पाकिस्तान एटीसी ने यूरोप के लिए हमारे विशेष उड़ान संचालन की प्रशंसा की।' सीनियर कैप्टन ने पूरे वाकये का जिक्र करते हुए बताया, 'जैसे ही हम पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में घुसे, वहां के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने 'अस्सलाम अलैकुम' से हमारा स्वागत किया। कंट्रोलर ने आगे कहा कि कराची कंट्रोल फ्रैंकफर्ट में राहत सामग्री पहुंचाने जा रहे एयर इंडिया के विमानों क स्वागत करता है।'
कुछ यूं हुई थी बातचीत
इसके बाद पाकिस्तान के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने एयर इंडिया के पायलट से पूछा, 'इस बात की पुष्टि करिए कि क्या आप राहत सामग्री लेकर फ्रैंकफर्ट जा रहे हैं?' इसका जवाब देते भारतीय पायलट ने कहा- हां। इसके बाद पाकिस्तानी एटीसी ने भारतीय विमान को आगे के जरूरी निर्देश दिए। अंत में पाकिस्तानी एटीसी ने एयर इंडिया की तारीफ करते हुए कहा, 'हमें गर्व है कि ऐसी संकट की घड़ी और महामारी की हालत में भी आपके विमान उड़ान भर रहे हैं। गुड लक।'
इसके अलावा कैप्टन ने बताया, "पायलट के रूप में अपने पूरे करियर में पहली बार, ईरान ने लगभग 1000 मील की दूरी के लिए एक सीधा मार्ग दिया जिसका हमने उड़ान के दौरान आनंद लिया।' कैप्टन ने बताया कि ईरान ने शायद ही किसी एयरलाइन को सीधा रास्ता दिया हो क्योंकि ईरान के हवाई क्षेत्र का सीधा मार्ग केवल उनके रक्षा उद्देश्यों के लिए आरक्षित रखा गया है।