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सैन्य कमांडर ने कहा- अंदरूनी मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए LoC पर तनाव बढ़ा सकता है पाकिस्तान

Updated Dec 27, 2020 | 17:39 IST | भाषा

नियंत्रण रेखा पर सर्दियों में कम ऊंचाई वाले इलाकों से घुसपैठ के बारे में उन्होंने कहा कि इस तरह की लगातार खबरें आ रही हैं कि पीओके में 200 से 250 आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में हैं।

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फाइल फोटो

श्रीनगर: सर्दियों का मौसम शुरू होने के साथ ही अपने अंदरूनी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास तनाव बढ़ाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। यह बात यहां सेना के एक शीर्ष कमांडर ने कही। सेना की 15वीं कोर के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू ने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 'लांच पैड' पर 200 से 250 आतंकवादी मौजूद हैं, जो घुसपैठ की फिराक में हैं। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण यह कोर नियंत्रण रेखा के आसपास निगरानी बनाए रखने और दूरवर्ती क्षेत्रों में आतंकवाद से निपटने के लिए जिम्मेदार है।

सेना के शीर्ष कमांडर ने हाल में संपन्न जिला विकास परिषद चुनावों के बारे में भी बात की और कहा कि वह खुश हैं कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए और लोग जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूत करने की खातिर वोट देने के लिए निकले। उन्होंने कहा, 'यह अब निर्वाचित प्रतिनिधियों पर निर्भर करता है कि वे लोगों के लिए काम करें और लोग भी उनसे विकास करने के लिए कहें।'

आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में

नियंत्रण रेखा पर सर्दियों में कम ऊंचाई वाले इलाकों से घुसपैठ के बारे में उन्होंने कहा कि इस तरह की लगातार खबरें आ रही हैं कि पीओके में 200 से 250 आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में हैं। उन्होंने कहा कि वे घुसपैठ के लिए खराब मौसम का इस्तेमाल करने का प्रयास करेंगे लेकिन सुरक्षा बल कश्मीर में एलओसी से सीधे घुसपैठ और पीर पंजाल के दक्षिण इलाकों से घुसपैठ पर नजर बनाए हुए हैं। एलओसी पर तैनाती पुख्ता है और कई स्तर पर निगरानी उपकरण लगे हुए हैं।

पाकिस्तान में अंदरूनी राजनीतिक अशांति

सेना के कमांडर ने कहा, 'अंदरूनी मुद्दों से अपने लोगों का ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान सर्दियों के मौसम में भी आतंकवादियों की घुसपैठ कराकर या संघर्ष विराम उल्लंघन कर सीमा पर तनाव बढ़ा सकता है। दोनों स्थितियों में हम तैयार हैं और इस तरह के किसी भी दुसाहस का करारा जवाब देंगे।' सेना के शीर्ष अधिकारी अंदरूनी राजनीतिक अशांति का जिक्र उस घटना के लिए कर रहे हैं जिसमें 11 राजनीतिक दलों के गठबंधन- पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने इमरान खान सरकार को अगले वर्ष 31 जनवरी तक इस्तीफा देने का समय दिया है।

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