नई दिल्ली : भारत के खिलाफ झूठ और प्रोपगैंडा फैलाने के लिए पाकिस्तान हमेशा से अंतरराष्ट्रीय मंचों का गलत इस्तेमाल करता आया है। उसने एक एक बार फिर ऐसा किया है। पाकिस्तान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बारे में मनगढ़त एवं बेबुनियाद आरोप लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र से इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। पाकिस्तान का आरोप है कि इस संगठन से अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरा है। पाक ने यूएन से कहा कि 'इस दक्षिणवादी हिंदू संगठन भारतीय मुस्लिम आबादी को धमकाती आई है।'
पाकिस्तानी राजदूत ने एक्शन प्लान रखा
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने मंगलवार को चरमपंथी संगठनों से निपटने के लिए पाकिस्तान की तरफ से एक्शन प्लान रखा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जो कि एक हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी है वह हिंदुत्व के विचारधारा का अनुसरण करती है। पाकिस्तानी राजदूत ने उग्र राष्ट्रवाद को बढ़ने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की मांग की है। वैश्विक संस्था को इसके लिए क्या करना चाहिए, पाकिस्तान ने इसके बारे में भी बताया है। मुनीर खान ने कहा कि 'उग्र चरमपंथी संगठनों' पर अन्य आतंकवादी समूहों की तरह प्रतिबंध लगना चाहिए।
यूएन को चरमपंथ पर दिया 'ज्ञान'
चरमपंथी संगठनों पर पाकिस्तान के 'ज्ञान' का प्रदर्शन करते हुए खान ने कहा कि 'इस तरह के उग्र रेसिस्ट एवं चरमपंथी आतंकवाद जवाबी हिंसक भावना को बढ़ावा देगा और अपनी कार्रवाई को जायज ठहराएगा।' पाकिस्तान की छटपटाहट और बेचैनी कश्मीर को लेकर भी दिखी। भारतीय सेना पर आरोप लगाते हुए खान ने कहा कि 'भारतीय फौज वहां मानवता के खिलाफ युद्ध अपराध कर रही है और लोगों की आवाज दबाने के लिए उन्हें डरा रही है।'
इमरान खान भी आरएसएस पर आरोप लगा चुके हैं
आरएसएस के खिलाफ पाकिस्तान के ये आरोप नए नहीं हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान कई मौकों पर आरएसएस और भाजपा को दुनिया के लिए खतरा बता चुके हैं। खान ने भाजपा और आरएसएस की विचारधारा की तुलना 'नाजी विचारधारा' से की है। भारत के खिलाफ झूठ का प्रोपगैंडा फैलाते हुए खान ने यह भी कहा है कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं और भारत सरकार उनके साथ भेदभाव करती है। आतंकवाद एवं चरमपंथ पर पाकिस्तान ने दुनिया के सामने अपनी गंभीरता दिखाने की कोशिश की है लेकिन कोई भी उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लेता। सभी को पता है कि आतंकवाद एवं चरमपंथी विचारधारा का केंद्र पाकिस्तान है।