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कश्‍मीर में युवाओं को ऐसे भड़काता है पाकिस्‍तान, सुरंगों और ड्रोन से भेजता है ड्रग्‍स और हथियार

Updated Jan 17, 2021 | 13:21 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कश्‍मीर घाटी में पाकिस्‍तान सुरंगों, ड्रोन के जरिये आतंकियों को हथियार ड्रग्‍स पहुंचाने की कोशिश करता है। लेकिन सुरक्षा बल अपनी मुस्‍तैदी से पड़ोसी मुल्‍क की हर साजिश को नाकाम कर रहे हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
कश्‍मीर घाटी में रह गए हैं अब महज 217 आतंकी, पाकिस्‍तान की हर चाल हो रही बेअसर

जम्‍मू : कश्‍मीर घाटी में पाकिस्‍तान किस तरह आतंकवाद और घुसपैठ का बढ़ावा देता है, यह कोई छिपी बात नहीं रह गई है। हालांकि सुरक्षा बलों की मुस्‍तैदी की वजह से पाकिस्‍तान की हर चाल बेअसर साबित हो रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घाटी में अब सक्रिय आतंकियों की संख्‍या महज 217 रह गई है, जो बीते एक दशक में सबसे कम हैं।

पाकिस्‍तान कश्‍मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए हर पैंतरे अपनाता है। हथियार ड्रग्‍स तक की सप्‍लाई करता है और इसके लिए वह ड्रोन व सुरंगों का भी इस्‍तेमाल करता है। हाल ही में सुरक्षा बलों ने कई ऐसी सुरंगों का पता लगाया है, जो नियंत्रण रेखा (LoC) तक जाती है। सुरक्षा बलों ने सीमा पार से आतंकियों को मदद के लिए भेजी जाने वाली ड्रोन्‍स को भी मार गिराया है।

घाटी में अब महज 217 आतंकी

कश्‍मीर घाटी में आतंकियों की मौजूदगी को लेकर चिनार कॉर्प्‍स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के मुातबिक, 'साल 2020 में आतंकियों की भर्ती नियंत्रण में रही है, खास तौर पर 2018 के मुकाबले। घाटी में इस वक्‍त मौजूद आतंकियों की संख्‍या 217 है, जो बीते एक दशक में सबसे कम है।' उन्‍होंने बताया कि ड्रोन्‍स और सुरंगों के जरिये आतंकियों को हथियार व ड्रग्‍स पहुंचाने की पाकिस्‍तान की कोशिशों को विफल करने के लिए उन्‍नत प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार्स का इस्‍तेमाल किया जा रहा है, जिससे सुरंगों का पता लगाया जाता है।

उन्‍होंने कहा कि घाटी में पाकिस्‍तानी आतंकी सुरक्षा बलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में नागरिकों को निशाना बनाते हैं। बकौल लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू, 'वे (आतंकी) चाहते हैं कि हम जवाबी कार्रवाई करें, ताकि बड़े पैमाने पर नागरिक हताहत हों। इसका इस्तेमाल वे हमारी छवि को खराब करने और सोशल मीडिया पर हमारे बारे में गलत सूचनाओं के दुष्‍प्रचार के लिए करते हैं और इसका हवाला देकर स्‍थानीय युवकों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करते हैं। लेकिन सुरक्षा बल बेहद सतर्कता बरते हैं। छापेमारी के दौरान भी यह सुनिश्तिच किया जाता है कि स्‍थानीय नागरिकों को कम से कम असुविधा हो। हमारे सुरक्षा बल स्‍थानीय संस्‍कृति और धार्मिक भावनाओं का सम्‍मन करने को लेकर पूरी तरह प्रशिक्षित हैं।'

आतंकियों को दिया जाता है सरेंडर का मौका

उन्‍होंने कहा, 'जब कभी हमें पता चलता है कि किसी भी जगह आतंकी सुरक्षाकर्मियों से घिर गए हैं, हम उन्‍हें पहले समर्पण करने के लिए कहते हैं, खासकर यदि वे स्‍थानीय नागरिक होते हैं। अगर उनकी पहचान सुनिश्चित हो जाती है तो हम उनके परिवार के सदस्‍यों को बुलाते हैं। जब सभी प्रयास विफल हो जाते हैं, तभी हम उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं और उन्‍हें मार गिराते हैं।'

 

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