- अगस्त के आखिरी या सितंबर के पहले सप्ताह में शुरू हो सकता है संसद का मानसून सत्र
- मानसून सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा
- कई सांसदों की मांग पर कैंटीन में सांसदों कों काढ़ा सर्व किया जाएगा
नई दिल्ली: जबसे देश में कोरोना वायरस महामारी ने पैर पसारे हैं, तब से लोगों में काढ़ा के प्रति जागरूकता आई है। काढ़ा लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखने में कारगर साबित होता है। अब खबर है कि संसद परिसर की कैंटीन में भी काढ़ा परोसा जाएगा। संसद में यह कदम कोरोना वायरस महामारी के चलते ही उठाया है। रेलवे की कैटरिंग इकाइयों द्वारा संचालित संसद कैंटीन अब 10 अगस्त सोमवार से काढ़ा सर्व करेगी।
7 अगस्त को जारी संसद बुलेटिन में कहा गया है, 'माननीय सदस्यों को सूचित किया जाता है कि कोविड 19 महामारी के कारण कई माननीय सदस्यों की मांग पर संसद भवन परिसर की रेलवे खानपान इकाइयों में सोमवार, 10 अगस्त 2020 से काढ़ा 11 रुपए प्रति कप परोसने की व्यवस्था की गई है।'
काढ़ा भारतीयों के लिए कोई नया शब्द नहीं है। सर्दी व गले की तकलीफ होने पर अक्सर इसे पिया जाता है। काढ़ा पीने से कई मौसमी परेशानियां दूर रहती है और साथ ही शरीर का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, अदरक और मुनक्का के मिश्रण से इसे तैयार किया जाता है। आयुष मंत्रालय की तरफ से भी इसे पीने की सलाह दी गई है। मंत्रालय दिन में एक या दो बार काढ़ा पीने की सलाह देता है।
हालांकि अभी संसद का मानसून सत्र शुरू नहीं हुआ है, लेकिन संसद सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि यह अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह में सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों के साथ शुरू हो सकता है। संसद की कैंटीन में काढ़ा शुरू करने का संसद सचिवालय का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब गृह मंत्री अमित शाह और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित संसद के कई सदस्य वर्तमान में कोविड की चपेट में आ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने संबोधन में लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा पीने की सलाह दे चुके हैं।