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Partition Horror day: केंद्र सरकार के फैसले पर कांग्रेस का तंज, यूपी चुनाव आते ही आई याद

Updated Aug 14, 2021 | 20:28 IST

केंद्र सरकार ने 14 अगस्त को विभाजन स्मृतिका दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है। लेकिन कांग्रेस ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी अब जनता को बरगला नहीं सकती है।

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केंद्र सरकार के फैसले विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कांग्रेस का तंज, यूपी चुनाव आते ही आई याद
मुख्य बातें
  • विभाजन स्मृति दिवस मनाए जाने पर कांग्रेस ने कसा तंज
  • यूपी चुनाव आते ही बीजेपी को आई याद
  • कांग्रेस मे कहा कि उसकी नजर में 22 मार्च है विभाजन दिवस

14 अगस्त को अब विभीजिका दिवस के तौर पर यानी पार्टिशन हॉरर के रूप में मनाया जाएगा। यह बात अलग है कि कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अब देश को बरगलाया नहीं जाया सकता है। उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव आते ही विभाजन दिवस की याद आ गई। 

14अगस्त अब 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि 14 अगस्त को लोगों के संघर्षों एवं बलिदान की याद में अब 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। मोदी ने साथ ही कहा कि बंटवारे के दर्द को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।मोदी ने कहा कि विभाजन के चलते सामने आयी नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’, ‘‘सामाजिक विभाजन, वैमनस्यता के जहर को दूर करे और एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तीकरण की भावना को और मजबूत करने की आवश्यकता की याद दिलाए।’’वर्ष 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन द्वारा भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान का निर्माण एक मुस्लिम देश के रूप में किया गया था। उस दौरान लाखों लोग विस्थापित हुए थे तथा बड़े पैमाने पर दंगे भड़कने के कारण कई लाख लोगों की जान चली गई थी।

15 अगस्त को 75वां स्वतंत्रता दिवस
भारत रविवार को अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस आशय की घोषणा करने के कुछ घंटे बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर अधिसूचित किया।सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ उन सभी लोगों के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने राष्ट्र के विभाजन के कारण अपनी जान गंवाई और अपनी जड़ों से विस्थापित हो गए।

दुश्वारियों के बीच देश आगे बढ़ा
विभाजन का दर्द और हिंसा देश की स्मृति में गहराई से अंकित है। ऐसे में जब देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए आगे बढ़ा है, देश के विभाजन के दर्द को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘हमारी स्वतंत्रता का जश्न मनाते हुए, एक कृतज्ञ राष्ट्र हमारी प्यारी मातृभूमि के उन बेटों और बेटियों को भी सलाम करता है, जिन्हें हिंसा के उन्माद में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी थी।’’उसने कहा कि विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े पलायन में से एक का कारण बना और इसने लगभग दो करोड़ लोगों को प्रभावित किया।

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