लाइव टीवी

Pegasus Spyware List: पूर्व CBI चीफ आलोक वर्मा और उद्योगपति अनिल अंबानी की भी हो रही थी जासूसी

Updated Jul 23, 2021 | 08:08 IST

पेगासस जासूसी मामले में एक और खुलासा हुआ है। खबर के मुताबिक, कारोबारी अनिल अंबानी और पूर्व सीबीआई चीफ आलोक वर्मा के फोन भी जासूसी के लिए हैक किए गए थे।

Loading ...
पूर्व CBI चीफ व उद्योगपति अनिल अंबानी की भी हो रही थी जासूसी
मुख्य बातें
  • पेगासस जासूसी मामले में हुआ एक और खुलासा, सीबीआई चीफ आलोक वर्मा का नाम भी लिस्ट में शामिल
  • अनिल अंबानी के फोन नंबर हैक होने की आशंका, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

नई दिल्ली: इजरायली कंपनी एनएसओ (NSO) के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की लिस्ट में दो और बड़े नाम जुड़ गए हैं। खबर के मुताबिक जासूसी लिस्ट में उद्योगपति अनिल अंबानी और सीबीआई के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा का नाम भी शामिल था। ‘द वायर’ ने गुरुवार को दावा किया कि  23 अक्टूबर 2018 को पद से हटाए जाने के तुरंत बाद आलोक वर्मा और  उनके परिवार के सदस्यों के आठ फोन को एक अज्ञात भारतीय एजेंसी ने पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर जासूसी के लिए सूचीबद्ध किया था। 

आलोक वर्मा का नाम

रिपोर्ट के मुताबिक, पेगासस स्पाईपेयर वाले आधुनिक मालवेयर का इस्तेमाल कर वर्मा के साथ ही सीबीआई के तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और संयुक्त निदेशक ए. के. शर्मा के फोन भी निगरानी सूची में रखे गए थे। आलोक वर्मा ने 21 अक्टूबर 2018 को अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक केस दर्ज किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्मा के 31 जनवरी 2019 को सेवानिवृत्त होने तक अस्थाना और शर्मा के फोन सहित ये सभी नंबर सूची में बने रहे। 

अनिल अंबानी का नंबर भी सूची में शामिल
द वायर के खबर के मुताबिक, जिस फोन नंबरों का अनिल अंबानी और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) के एक अन्य अधिकारी ने उपयोग किया, वे नवंबर उस लीक सूची में शामिल है, जिसका विश्लेषण पेगासस परियोजना समूह के मीडिया भागीदारों ने किया था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अंबानी के अलावा, कंपनी के अन्य अधिकारी जिनके फोन नंबर सूची में शामिल हैं, उनमें कॉरपोरेट संचार प्रमुख टोनी जेसुदासन के साथ उनकी पत्नी भी शामिल हैं।’

हुआ था ये खुलासा

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह ने खुलासा किया था कि इस्राइल के जासूसी साफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और कार्यकर्ताओं के नंबर हैक किए गए और उनकी जासूसी की गई। हालांकि सरकार की तरफ से इस तरह की जासूसी करने के सभी आरोपों का खंडन किया गया है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।