नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों को आज यानी 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी दी गई, तब तिहाड़ जेल के बाहर भीड़ इकट्ठी हो गई। फांसी दिए जाने के बाद लोगों ने मिठाई बांटकर जश्न मनाया और निर्भया जिंदाबाद के नारे लगाए। भीड़ ने 'निर्भया अमर रहे' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। लोग हाथों में तिरंगा लिए हुए थे। एकत्र हुए लोगों में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना के हाथ में एक पोस्टर था जिसमें लिखा था, 'निर्भया को न्याय मिला। अन्य बेटियों का इंतजार अभी जारी है।' योगिता ने कहा कि अंतत: न्याय मिल गया। यह पूरी न्याय प्रणाली की जीत है।
लोगों ने कहा कि यह न्याय की सुबह है। निर्भया के परिवार से संबद्ध एक सदस्य ने कहा कि वह सात साल तक चली लंबी कानूनी लड़ाई की जीत का गवाह बनने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि यह मुश्किल लड़ाई थी। लेकिन आज न्याय की जीत हुई। एक महिला ने कहा, 'फैसला अच्छा है लेकिन अब न्याय समय पर मिल जाता तो यह और अधिक अच्छा हो सकता था।' वहीं अन्य महिला ने कहा कि हमारे समाज में इस फांसी के बाद भी कुछ नहीं बदलेगा। लेकिन हम खुश हैं कि चारों दोषियों को फांसी दी गई और निर्भया को न्याय मिला।
मामले के एक दोषी राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी और दूसरे दोषी नाबालिग को बाल सुधार गृह में भेजा गया था। वहीं अन्य चार को आज शुक्रवार को फांसी दे दी गई है।
चंदे घंटे पहले तक सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
दोषियों की फांसी पर रोक लगाने की हरसंभव कोशिश की गई। गुरुवार रात को पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 3 दोषियों की याचिका को खारिज किया, बाद में फांसी से चंद घंटे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पवन गुप्ता की याचिका को खारिज कर दिया। पवन ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज करने के खिलाफ अपील की थी और फांसी पर रोक की मांग की थी।