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महंगाई डायन खाए जात है...तेल देखें कि तेल की धार देखें, आम आदमी पर "चौतरफा वार"

Updated Mar 03, 2021 | 20:48 IST

पेट्रोल, डीजल, पीएनजी और राशन व सब्जियों की बढ़ती महंगाई की मार से आम आदमी का हुआ बुरा हाल अभी भी राहत मिलने की कोई सूरत नहीं दिख रही है ऐसे में लोग इस चक्र में पिस रहे हैं।

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व्यापारियो का कहना है कि मालभाड़ा बढ़ने से चीजों के दाम और बढ़ेंगे
मुख्य बातें
  • दाल, खाने के तेल सहित मसालों के दाम में भी तेजी साफ दिखाई दे रही है
  • दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है
  • डीजल के दाम पर अंकुश नहीं लगा तो महंगाई और भी बढ़ती रहेगी

देश में पेट्रोल-डीज़ल के दाम रोजाना नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के बाद महंगे हो रहे खाने पीने और आम जरूरत के सामानों की कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है, रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के बाद अब एक और झटका लगा है, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी और पीएनजी के दामों में बढ़ोतरी कर दी है।

कुछ महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्‍तरी होने के कारण बस, आटो रिक्‍शा के किराये और दाल, खाद्य वस्तुओं और दवाओं के दाम में भी वृद्धि हुई है जिसके चलते आम आदमी की जेब पर खासा असर पड़ रहा है।

बात करें रसोई के सामानों की तो इस महीने प्याज खासे आंसू निकाल रहा है जबकि दाल, खाने के तेल सहित मसालों के दाम में भी तेजी साफ दिखाई दे रही है वहीं खाद्य तेल की कीमतें इस साल नए-नए रिकॉर्ड बना रही है

दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है इसी वजह से ट्रांसपोर्टर्स ने भाड़ा बढ़ा दिया है, व्यापारियो का कहना है कि मालभाड़ा बढ़ने से चीजों के दाम और बढ़ेंगे और डीजल के दाम पर अंकुश नहीं लगा और वो ऐसे ही बढ़ते रहे तो महंगाई और भी बढ़ती रहेगी।

टांस्पोर्टर कह रहे हैं कि सरकार ने कीमतें नहीं घटाई तो आगे स्थिति और बिगड़ेगी और इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा और उन्हें खाने पीने से लेकर अन्य सामान भी खासा महंगा मिलेगा।

वहीं सीएनजी, डीजल की कीमतों का असर अब सार्वजनिक साधनों जैसे-टैक्सी और ऑटो के किराए में भी झलकने लगा है, बताते हैं कि मुंबई में ऑटो रिक्शा और टैक्सी के बेस किराए में खासी बढ़ोत्तरी हुई है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा के बाद वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति यानि महंगाई दर कम रहने का अनुमान लगाया है, वहीं एक रिपोर्ट में बताया गया है कि खुदरा महंगाई की दर के और बढ़ने का अनुमान है।

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