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Provocative Slogan Case: भड़काऊ नारेबाजी मामले में PFI नेता गिरफ्तार, मामले में अब तक 27 लोग हो चुके हैं अरेस्ट

Updated May 29, 2022 | 14:21 IST

Provocative Slogan Case: केरल पुलिस ने भड़काऊ नारेबाजी मामले में रविवार को पीएफआई नेता याहया थंगल को गिरफ्तार किया है। याहिया थंगल वही शख्स है जिसने शनिवार को हाई कोर्ट के जजों के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की थी।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नेता गिरफ्तार
मुख्य बातें
  • पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नेता गिरफ्तार
  • भड़काऊ नारेबाजी मामले में हुई गिरफ्तारी
  • अब तक 27 लोगों की हो चुकी है मामले में गिरफ्तारी

Provocative Slogan Case: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के एक नेता को संगठन की ओर से हाल ही में आयोजित एक मार्च के दौरान एक नाबालिग लड़के द्वारा कथित रूप से भड़काऊ नारे लगाने के मामले में रविवार सुबह अलप्पुझा से गिरफ्तार कर लिया गया। अलप्पुझा जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मामले में याहया थंगल की गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि थंगल को हिरासत में ले लिया गया है, क्योंकि वह उस कार्यक्रम के आयोजकों में से एक था जहां कथित तौर पर नारे लगाए गए थे।

मामले में अब तक 27 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी

पीएफआई नारेबाजी मामले में पुलिस अब तक नारे लगाने वाले बच्चे के पिता समेत 27 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। याहिया थंगल वही शख्स है जिसने शनिवार को हाई कोर्ट के जजों के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की थी। याहया को त्रिशूर से हिरासत में लेने पर पीएफआई कार्यकर्ताओं ने सरकार और आरएसएस के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।

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वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने दर्ज किया था मामला

21 मई को पीएफआई ने गणतंत्र बचाओ रैली निकाली थी, जिसके एक वीडियो में एक व्यक्ति के कंधे पर बैठे नाबालिग लड़के को कथित रूप से आपत्तिजनक नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इससे पहले शनिवार को पीएफआई कार्यकर्ताओं ने बच्चे के पिता को पुलिस हिरासत में लिए जाने के खिलाफ पल्लुरूथी में विरोध प्रदर्शन किया था। नारेबाजी विवाद के इस मामले में सबसे पहले एरात्तूपेट्टा निवासी अनस को गिरफ्तार किया गया था। अनस ने ही अपने कंधे पर बच्चे को बैठा रखा था।

सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की युवा शाखा डीवाईएफआई ने आरोप लगाया कि नारेबाजी धर्मनिरपेक्ष केरल को विभाजित करने के सांप्रदायिक एजेंडे का हिस्सा है। वहीं पीएफआई ने एक बयान जारी कर कहा था कि इस तरह के नारे संगठन की नीति के खिलाफ हैं और वह इस मामले को देखेगा।

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